SP candidates: उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने सात उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. इनके ज्यादातर उम्मीदवार किसी न किसी नेता के रिश्तेदार हैं. भाजपा ने इसे मुद्दा बनाते हुए सपा पर परिवारवाद का आरोप लगाया है.
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Samajwadi Party sparks parivarvad: यूपी की दस सीटों में होने वाले उपचुनावों का बिगुल बच चुका है. इस चुनाव में कांग्रेस और सपा मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सपा आठ सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि कांग्रेस को दो सीटें मिलेंगी. फिलहाल चुनाव आयोग ने नौ सीटों के लिए चुनावी कार्यक्रम तय किया है. मिल्कीपुर की सीट पर पिटीशन होने की वजह से यहां के लिए चुनाव की तारीखें तय नहीं हुई हैं. बाकी सीटों पर 13 नवंबर को चुनाव होना है. समाजवादी पार्टी ने चुनाव की डेट घोषित होने से पहले ही छह सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि सपा सिर्फ पीडीए का नाम देती है. उसका मकसद ही परिवारवाद और जातिवाद करना है. जानें पूरा मामला.
सपा पर परिवारवाद का आरोप?
भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि सपा सिर्फ पीडीए का नाम देती है. उसका मकसद ही परिवारवाद और जातिवाद करना है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे कहते हैं कि समाजवादी पार्टी का नारा सिर्फ पीडीए है. उनका काम नेताओं की पीढ़ियों को बढ़ाने का है. यह लोग अपने परिवार और कुनबा बढ़ाने की राजनीति करते हैं. उत्तर प्रदेश इनकी परिवारवाद और जातिवाद की सोच से वाकिफ हो चुका है. सपा के नाम के लिए समाजवाद है जबकि चरित्र में परिवाद है.
जानें किस आधार पर बीजेपी ने परिवारवाद का लगाया आरोप?
समाजवादी पार्टी ने जिन छह सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे. उनका देखें परिचय-
क्या कहते हैं सियासी जानकर?
सियासी जानकर के मुताबिक सपा की जारी सूची में उनके पीडीए फार्मूले का ध्यान तो रखा गया है. लेकिन सात में छह उम्मीदवार नेताओं के परिवार से है. इससे जाहिर होता है कि सपा मुखिया को परिवारवाद पर ही भरोसा है. तभी तो भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि सपा सिर्फ पीडीए का नाम देती है. उसका मकसद ही परिवारवाद और जातिवाद करना है.
समाजवादी पार्टी का क्या है कहना?
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन का कहना है कि भाजपा अपनी नाकामी छिपाने के लिए ऐसी बात कर रही हैं. उन्होंने कहा कि सपा ने 2012, 2017 और 2022 के चुनाव में आम कार्यकताओं को टिकट दिया गया है. हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं की है. उपचुनाव में सभी की सहमति से टिकट दिए जा रहे हैं. जिला से लेकर बूथ कमेटी राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मशविरा करके उम्मीदवार घोषित कर रही है. भाजपा का आरोप फर्जी है. यह उम्मीदवार जनता के बीच जाएंगे. वह तय करेगी. इन उम्मीदवारों पर जनता अपनी मुहर लगाएगी.
कब होगा यूपी में उपचुनाव? सपा कहां से कर रही मुकाबला?
चुनाव आयोग ने यूपी में 9 सीटों के लिए चुनावी कार्यक्रम तय किया है. मिल्कीपुर की सीट पर पिटीशन होने की वजह से यहां के लिए चुनाव की तारीखें तय नहीं हुई हैं. बाकी सीटों पर 13 नवंबर को चुनाव होना है. सपा ने नौ अक्टूबर को ही मिल्कीपुर के साथ करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां में प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. मीरापुर में उम्मीदवार की घोषणा हो चुकी है. अब प्रत्याशी उतारने के लिए कुंदरकी, मीरापुर, गाजियाबाद और खैर सीटें बची थीं. बताया जा रहा दो सीटें कांग्रेस को दी गई हैं. लेकिन अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है. इनपुट आईएएनएस से भी