झारखंड: IAS अधिकारी ने corona योद्धाओं के लिए बनवाए 'फेस शील्ड'
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झारखंड: IAS अधिकारी ने corona योद्धाओं के लिए बनवाए 'फेस शील्ड'

आदित्य रंजन ने कहा कि बाजार से खरीदने पर इसकी कीमत 300 से 400 रुपए पड़ रही थी, जबकि जिला प्रशासन द्वारा इसे तैयार कराने में मात्र 110 रुपए लागत आई है.

इसका निर्माण स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किया जा रहा है.

चाईबासा: वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से संग्राम में दुनियाभर के डॉक्टर, नर्स, अन्य स्वास्थ्यकर्मी व पुलिसकर्मी दिन-रात लगे हुए हैं. सबसे बड़ी बात है कि कोरोना से जंग में आम से लेकर खास लोग तक अपनी भूमिका निभा रहे हैं. सरकारी अधिकारी अपनी ड्यूटी के अलावा भी इनोवेटिव आइडिया के जरिए लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं.

इसी कड़ी में पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के लिए फेस शील्ड का निर्माण करवा रहा है. यह फेस शील्ड स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनवाया जा रहा है. पश्चिम सिंहभूम के उपविकास आयुक्त (डीडीसी) आदित्य रंजन द्वारा बनवाए गए इस फेस शील्ड से ना केवल लोग अपना हाथ बार-बार चेहरे पर नहीं ले जा सकेंगे, बल्कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमित लोगों के उपचार के समय भी यह फेस शील्ड संक्रमण से बचाव करेगा.

डीडीसी आदित्य रंजन ने मीडिया को बताया, 'इसे खासकर वैसे स्वास्थकर्मियों के लिए तैयार किया गया है, जो कोरोना संदिग्ध मरीज के सीधे संपर्क में रहते हैं. फेस शील्ड चेहरे को पूरी तरह ढकने के लिए विशेष प्रकार के ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक का उपयोग कर तैयार किया गया है.'

उन्होंने आगे कहा, 'इसे कैप की तरह सिर में आसानी से फिट किया जा सकता है. वहीं पसीने को सोखने के लिए इसके आगे सिर की ओर फोम लगाया गया है, जिससे पहनने में यह आरामदायक लगे.'

आदित्य रंजन ने कहा कि बाजार से खरीदने पर इसकी कीमत 300 से 400 रुपए पड़ रही थी, जबकि जिला प्रशासन द्वारा इसे तैयार कराने में मात्र 110 रुपए लागत आई है. उन्होंने कहा कि जिले के घर-घर जाकर संदिग्धों की खोज करने वाले स्वाथ्यकर्मियों संग वलेंटियर्स के साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए यह फेस शील्ड तैयार किया गया है.

इस फेस शील्ड को लगाने के बाद मास्क की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि यह मुंह, आंख, नाक और ठोड़ी के साथ चेहरे का ज्यादातर हिस्से को ढक लेता है. अगर कोई संक्रमित मरीज डॉक्टरों या अन्य स्वास्थ्यकर्मियों या सुरक्षाकर्मियों के पास छींके, खांसे तक भी प्लास्टिक फेस शील्ड उन्हें बचाता है. उन्होंने कहा कि इसे साफ कर फिर से उपयोग में लाया जा सकता है.

इसका निर्माण स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किया जा रहा है. डीडीसी ने कहा कि अब तक 100 से ज्यादा फेस शील्ड बनाए जा चुके हैं, जबकि भारतीय रेल द्वारा 500 पीस का ऑर्डर मिल चुका है. उन्होंने कहा कि जल्द ही रेलवे को इसकी आपूर्ति कर दी जाएगी.

बता दें कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में लगे हुए फ्रंटलाइन वर्कर, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस बल को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सांसद गीता कोड़ा द्वारा आठ अप्रैल को फेस शील्ड को लांच किया था. इस मौके पर उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक और उपविकास आयुक्त मौजूद थे.

डीडीसी ने इससे पहले कोरोना वायरस सैंपल कलेक्शन सेंटर भी तैयार किया है. झारखंड में अब तक 14 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.

(इनपुट-आईएएनएस)