Ghatshila: झारखंड के घाटशिला के ग्रामीणों और जरूरतमंद लोगों तक सरकारी राशन का वितरण नहीं हो रहा है. घाटशिला के आदिवासी इलाके में सरकारी राशन के गोदामों में अनाज का ढेर लगा हुआ है, लेकिन ग्रामीणों में इसका वितरण नहीं किया गया. इसके अलावा करोनो काल में आए अनाज का वितरण भी नहीं किया गया, जो कि गोदामों में पड़े-पड़े खराब हो गया. 


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बोरे में रखा चीनी बना पानी
दरअसल यह मामला घाटशिला के आदिवासी बहुल डुमरिया प्रखंड का है. यहां पर सरकारी गोदाम में गरीबों को बांटने के लिए आनाज, चनों में कीड़े लग चुके हैं. बोरी में रखा हुआ चना कीड़ों ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. गोदाम के मालिकों की लापरवाही और कुव्यवस्था के कारण बोरे में रखी हुई चीनी भी पूरी तरह से पिघल कर पानी बन चुकी है. 


डीसी ने किया निरीक्षण
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब क्षेत्र के ग्रामीणों के द्वारा डीसी विजया जाधव को राशन वितरण नहीं होने की शिकायत की गई. बताया गया कि पीछले तीन महीने से ग्रामीणों को राशन वितरण नहीं किया गया था. जिसके बाद डीसी विजया जाधव ने रविवार को घाटशिला के डुमरिया और मुसाबनी प्रखंडों में सरकारी राशन गोदामों का औचक निरीक्षण किया. 


गोदामों को खुलवाकर की जांच
अपने दौरे के क्रम में डीसी ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजीव रंजन,एसडीएम घाटशिला सत्यवीर रजक भी शामिल थे. अपने इस अभियान के तहत डीसी विजया जाधव सबसे पहले डुमरिया स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम पहुंचे जहां पर गोदाम को खुलवाकर जांच की गई. 


कार्रवाई के दिए आदेश 
इस दौरान डीसी ने देखा कि डुमरिया गोदाम में सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी कि पीडीएस के तहत ग्रामीणों को बांटने के लिए अनाज की बोरियां गोदाम ठसाठस भरी हुई है. उसके बाद भी जरूरत मंद लोगों तक समय पर राशन का वितरण नहीं किया जाता है. इसको लेकर डीसी ने डुमरिया के मार्केटिंग ऑफीसर सिद्धेश्वर पासवान की जमकर फटकार लगाई और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.  उन्होंने कहा कि जरूरतमन्द परिवारों तक राशन पहुंचाने का प्रयास किया जाता है. इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.


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