Arun Bharti Vs Archana Ravidas: जमुई से चिराग की रिश्तेदारी बरकरार रहेगी या महागठबंधन की होगी अर्चना
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Arun Bharti Vs Archana Ravidas: जमुई से चिराग की रिश्तेदारी बरकरार रहेगी या महागठबंधन की होगी अर्चना

Jamui Lok Sabha Seat: एनडीए उम्मीदवार को राम मंदिर और मोदी फैक्टर पर पूरा भरोसा है, तो वहीं राजद की ओर से बाहरी और लोकल कैंडिडेट को खूब हवा दी गई है. एनडीए प्रत्याशी के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोट मांगने आ चुके हैं. वहीं राजद की ओर से तेजस्वी यादव भी खूब पसीना बहाया है. 

जमुई लोकसभा सीट

Jamui Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए बुधवार (17 अप्रैल) की शाम को प्रचार समाप्त हो गया. इस चरण में बिहार की 4 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा. बिहार की जिन सीटों पर कल (शुक्रवार, 19 अप्रैल) को वोटिंग होगी, उनमें गया, जमुई, नवादा और औरंगाबाद शामिल हैं. जमुई लोकसभा सीट की बात करें तो एनडीए में यह सीट चिराग पासवान के हिस्से में आई थी और चिराग ने इस बार यहां से अपने बहनोई अरुण भारती को मैदान में उतारा है. अरुण का मुकाबला महागठबंधन में राजद प्रत्याशी अर्चना रविदास से है. एनडीए उम्मीदवार को राम मंदिर और मोदी फैक्टर पर पूरा भरोसा है, तो वहीं राजद की ओर से बाहरी और लोकल कैंडिडेट को खूब हवा दी गई है. एनडीए प्रत्याशी के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोट मांगने आ चुके हैं. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी एक जनसभा करने आए थे. वहीं राजद की ओर से तेजस्वी यादव भी खूब पसीना बहाया है. अब 19 अप्रैल को जनता अपना फैसला EVM में कैद कर देगी और 4 जून को रिजल्ट सामने आ जाएगा. 

बता दें कि अरुण भारती की शादी रामविलास पासवान और रीना पासवान की पुत्री निशा भारती से हुई है. अरुण भारती ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से यह बैचलर इन कॉमर्स हैं. इसके अलावा इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रेथक्लाइड यू.के से इन्होंने एमबीए की पढ़ाई की है. राजनीति से अरुण भारती का पुराना नाता रहा है. अरुण भारती की मां डॉक्टर ज्योति कांग्रेस की बड़ी नेता रही हैं. वह भोजपुर जिले के सहार सुरक्षित विधानसभा सीट से 2 बार विधायक चुनी जा चुकी हैं. दो बार MLC भी रही हैं. बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. वहीं राजद कैंडिडेट अर्चना रविदास मूल रूप से जमुई की रहने वाली है. वह राजद नेता मुकेश यादव की पत्नी है. मुकेश यादव राजद के टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़े थे, लेकिन जीत नहीं मिली थी. 

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जमुई अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित संसदीय क्षेत्र है. यह सीट वर्ष 2009 में अस्तित्व में आई थी और तब से लेकर आजतक यहां पर NDA उम्मीदवार को ही जीत हासिल हुई है. इस सीट से पहले सांसद चुनने का गौरव जेडीयू के भूदेव चौधरी को मिला. उस वक्त जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन का था और दोनों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. भूदेव चौधरी ने आरजेडी के कद्दावर नेता श्याम रज्जाक को मात दी थी. 2014 से अबतक इस सीट से लगातार दो बार लोजपा की टिकट पर चिराग पासवान को जीत हासिल हो रही थी. पिछले चुनाव में चिराग पासवान ने रालोसपा के भूदेव चौधरी को 2,41,049 वोटों से हराया था. हालांकि, इस बार चिराग ने अपने पिता की कर्मभूमि यानी हाजीपुर से लड़ने का फैसला लिया और जमुई से अपने जीजा को उतारा है.

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