Jamui News: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए काफी सख्त तेवर अपनाते हुए कई काम किए, लेकिन उनके सारे प्रयास असफल साबित होते दिख रहे हैं. जैसे-जैसे केके पाठक की विदाई का वक्त नजदीक आ रहा है, बिहार के सरकारी मास्टर साहब फिर से अपने पुराने ढर्रे को अपनाते हुए नजर आ रहे हैं. जमुई में तो हेडमास्टर तो स्कूल पर ही कब्जा करने में लगे हुए हैं. ताजा मामला जमुई के बरहट के एक विद्यालय का है. यहां प्रधानाध्यापक ने स्कूल को अपना आशियाना बना लिया है. वह बीते एक साल से परिवार संग बड़े आराम से स्कूल में ही जिंदगी काट रहा है. 


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ये मामला बरहट प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नवीन प्राथमिक विद्यालय का बताया जा रहा है. स्कूल के प्रधानाध्यापक मो. जमीरउद्दीन पर आरोप है कि वो बीते एक वर्ष से अपने परिवार के साथ स्कूल में ही डेरा जमाए हुए हैं. वहीं इस मामले में प्रधानाध्यापक का कहना है कि जब स्कूल बन रहा था तब उसने इसके लिए जमीन दिलवाने में काफी मदद की थी. अब इसी एवज में वह स्कूल में रह रहा है. उसने कहा कि वह इसलिए विद्यालय में रहता है, ताकि बच्चों के चले जाने के बाद स्कूल की सुरक्षा हो सके. उसने दलील दी कि उसके रहने से स्कूल की सुरक्षा हो रही है. उसने कहा कि अगल-बगल के लोगों के द्वारा स्कूल में ईंट-पत्थर भी फेंक दिया जाता है. स्कूल में उसके रहने से इस तरह की घटना नहीं गठित होती है.


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इससे पहले ऐसा ही मामला जमुई जिले के खैरा प्रखंड के सुदूर बरदौन गांव में स्थित स्कूल से सामने आया था. यहां भी प्रिंसिपल मैडम ने स्कूल में ही अपनी गृहस्थी बसा ली है और पति के साथ बड़े मौज से जिंदगी गुजारने में लगी हैं. बताया जा रहा है कि स्कूल के जिस कमरे में कभी बच्चों की पाठशाला लगती थी, अब वह मैडम जी का बेडरूम बन चुका है. स्कूल में चॉक, किताबों और ब्लैकबोर्ड की जगह अब बिस्तर, कंबल, तकिए, अलमारी, स्टोव, फ्रिज और टीवी की जगह ले ली है. बताया जा रहा है कि स्कूल की हेडमास्टर शीला हेंब्रम अपने पति के साथ स्कूल में ही रहती हैं. जानकारी के अनुसार स्कूल की प्रधान शिक्षिका शीला हेंब्रम का मायके बरदौन में ही है और वह बगल में ही अपना मकान बनवा रही हैं. 


रिपोर्ट- अभिषेक