पटना: बिहार की राजधानी पटना में जारी जलजमाव (Water Loggingg) की स्थिति के बीच नेताओं की राजनीति जारी है. पक्ष-विपक्ष से कहीं अधिक साथ-साथ सरकार चला ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल युनाइटेज (JDU) ही आमने-सामने है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी तो कुछ नेताओं के बयान हैरान करने वाले हैं. साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह को अपने सांसद निधि से पांच करोड़ रुपए बेगूसराय की जनता को देने की सलाह भी दी है.


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उन्होंने कहा कि पटना में जारी जलजमाव के समय गिरिराज सिंह राहत कार्य के लिए कहीं नहीं दिखे. सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयान देते रहे. गिरिराज सिंह ने आपदा के समय में पटनावासियों के लिए क्या किया, उसका श्वेत पत्र जारी करें.


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साथ ही राजीव रंजन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों से संपर्क में हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 1990 से पटना पर बीजेपी का कब्जा है. सभी लोकसभा क्षेत्र, विधानसभा क्षेत्र और नगर निगम पर बीजेपी काबिज है. ऐसे में सीएम नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है.


उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी के विधायक और सांसद का ध्यान योजनाओं को लागू कराने में होता तो पटना की ऐसी स्थिति नहीं होती. राजवी रंजन ने कहा कि गिरिराज सिंह से कभी यह नहीं सुनने को मिला कि उन्होंने कभी बीजेपी विधायक के कोताही की बात की हो.



इस दौरान उन्होंने सुशील मोदी की समीक्षा बैठक पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता दल विशेष के मंत्रियों के साथ बैठक करता है तो ये सार्वजनिक जीवन के विपरीत है. गठबंधन की सरकार है. समीक्षा बैठक में सबको साथ रहना चाहिए. यहा तक कि विपक्ष को भी पूछना चाहिए.