झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 16 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. मानसून सत्र से पहले सदन के बेहतर संचालन के लिए विधानसभा स्पीकर द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी.
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रांचीः झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 16 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. मानसून सत्र से पहले सदन के बेहतर संचालन के लिए विधानसभा स्पीकर द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. लेकिन इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और अन्य दलों के नेता शामिल नहीं हुए. वहीं, मुख्यमंत्री रघुवर दास भी बैठक में नदारद दिखे.
सर्वदलिय बैठक से निकलकर संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार सदन चलाना चाहती है ताकि विपक्ष के हर सवालों का उन्हें जवाब दिया जा सके. वहीं, विपक्ष की गैरमौजूदगी पर नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि अध्यक्ष ने उन्हें बैठक की जानकारी दी थी. वह उनसे संपर्क कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के हर सवाल के जवाब देने के लिए तैयार है.
बैठक से नदारद मुख्य दलों के नेताओं के सवाल पर बहुजन समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपूजन मेहता का कहना है कि विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के नेता भी सदन को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं. दोनों ही सदन को चलने नहीं देना चाहते हैं. दोनों ही जिम्मेदारी से भागते हैं और आपसे में सामंजस्य नहीं बैठाना चाहती है. हम चाहते हैं कि छोटे दलों का सवाल सदन में पहुंचे. लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जाता है.
जेएमएम और कांग्रेस के आज की बैठक में नदारद रहने के सवाल पर विधायकों का कहना है कि यह नेताओं का व्यक्तिगत मामला होगा. वहीं सदन चलेगा या नहीं इस मामले पर विधायकों का कहना है जनभावना का ख्याल करते हुए सदन तो चलना ही चाहिए.
बहरहाल सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य दलों कार नदारद रहना इस बात का संकेत दे रहा है कि मानसून सत्र में हंगामों के अलावा कुछ नहीं होगा. क्यों कि विपक्ष सदन चलवाने के मुड में नहीं दिख रहा है.