देवघर : झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी देवघर को 'प्रसाद योजना' में शामिल किया गया है, जिसके तहत हर साल देवघर को बाबा मंदिर शिवगंगा कांवरिया पथ और शहर के सौंदर्यीकरण के लिए 50 करोड रुपए से अधिक की राशि मिलेगी. रघुवर सरकार इस योजना को धरातल पर उतारने में जुटी है.


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देवघर को द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक माना जाता है और यही वजह है कि देश के 12 सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में देवघर का भी नाम शुमार है. झारखंड सरकार ने देवघर को प्रसाद योजना में शामिल किया है. पिछले साल इसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी और अब मुख्यमंत्री रघुवर दास इसे धरातल पर उतारने में लगे हैं.


केंद्र सरकार की एक टीम ने देवघर का निरीक्षण किया. टीम ने जिला प्रशासन तथा नगर निगम से मीटिंग के बाद विकास के कामों के लिए क्लीयरेंस भी दे दिया है. देवघर को इस साल 50 करोड रुपया दिया जाएगा. इस बजट में मंदिर पहुंचने वाले सभी रास्तों का सौंदर्यीकरण होगा. शिवगंगा और उसके आसपास के इलाकों को भी विकसित किया जाएगा. आरती घाट पर पानी की सुविधा जैसी कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, साथ ही चेंजिंग रूम का कायाकल्प किया जाएगा. चिल्ड्रन पार्क के पास लाइट एंड साउंड का भी प्रस्ताव भेजा गया है. इसके अलावा कांवरिया पथ में चार हजार की क्षमता वाला होल्डिंग प्वाइंट बनाया जाएगा.



देवघर के नगर आयुक्त संजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रसाद योजना के तहत देवस्थान के आसपास पूरे इलाके का कायाकल्प किया जाएगा. श्रद्धालुओं की सुविधा के हर इंतजाम किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि देवघर बाबा मंदिर के रंगरोगन के साथ-साथ इसे खूबसूरत बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं. मंदिर जाने वाली सभी गलियों में ड्रेनेज सिस्टम और नई सड़क का निर्माण भी कराया जाएगा. कुल मिलाकर रघुवर सरकार के 3 साल के कार्यकाल में देवघर ने कई उपलब्धियां हासिल की है. इनमें से एक प्रसाद योजना भी है, जिससे देवघर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी.