रांची: झारखंड के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी का बयान प्रदेश भर के IMA से जुड़े चिकित्सकों को इस कदर नागवार गुजरा है कि वो चाह कर भी उसे भुला नहीं पा रहे हैं. प्रदेश भर के डॉक्टर की नाराजगी का आलम ये है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो अगले हफ्ते शुरू हो रहे कोरोना टीकाकरण भी प्रभावित हो सकता है. 


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रांची के आईएमए भवन में रविवार को राज्यभर के डॉक्टर का जुटान हुआ और चिकित्सकों ने सरकार से स्वास्थ्य सचिव पर कार्रवाई की मांग की.


आईएमए की इस बैठक में निर्णय लिया गया की वो स्वास्थ्य सचिव के बयान के खिलाफ न्यायालय भी जाएंगे और जरूरत पड़ी तो विरोध के लिए कोई भी कदम उठाएंगे. ऐसे में डॉक्टर के विरोध की लपटें कहीं कोविड वैक्सिनेशन पर न पड़ जाए इसे लेकर भी कयास का दौर शुरू हो गया है. 


इस बाबत सवाल पूछे जाने पर आईएमए झारखंड के अध्यक्ष डॉ. आर एस दास ने कहा कि उनके विरोध का असर मरीजों पर ना पड़े इसे लेकर ही वे अबतक काला बिल्ला लगाकर विरोध कर रहे थे, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. जिस कारण अब वे कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं.


आपको बता दें कि प्रदेश भर के डॉक्टर प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी के उस बयान से नाराज हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोग सरकारी नौकरी में सिर्फ दो कारणों से ही आते हैं. 'एक काम ज्यादा न करना पड़े और दूसरा दहेज ज्यादा मिले, लेकिन स्वास्थ्य सचिव का ये बयान डॉक्टरों को रास नहीं आया और वे इसे लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं. 


बयान पर नाराजगी जताते हुए पहले भी आईएमए के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा गया थ,और स्वास्थ्य सचिव पर करवाई की मांग की गई थी,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होता देख IMA के सदस्यों ने आज मीटिंग की और सरकार को 7 दिनों के अंदर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दे दिया है.


मीटिंग में शामिल गोड्डा आईएमए की सचिव डॉ प्रभा रानी ने कहा कि हम महिला डॉक्टर हैं और हमने किससे दहेज लिया ये स्वास्थ्य सचिव बताएं. जाहिर है, स्वास्थ्य सचिव के बयान से चिकित्सक आहत हैं और कार्रवाई न होने की सूरत में आंदोलन तेज करने की बात कर रहे हैं.