974 में स्थापित भारत के सबसे पुराने टाईगर रिजर्व में से एक है बेतला नेशनल पार्क. यहां बाघ के अलावा तेंदुआ, भालू, बंदर, सांभर और चीतल जैसे जानवर पाए जाते हैं.
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पलामू का बेतला नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह बनती जा रही है और ये संभव हुआ है झारखंड की रघुवर सरकार की पहल से. अब सरकार की कोशिश है कि यहां के लोगों को पर्यटन से जोड़कर उनके लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाए. 1974 में स्थापित भारत के सबसे पुराने टाईगर रिजर्व में से एक है बेतला नेशनल पार्क. यहां बाघ के अलावा तेंदुआ, भालू, बंदर, सांभर और चीतल जैसे जानवर पाए जाते हैं. झारखंड की रघुवर सरकार ने यहां पर्टन को बढ़ावा देने के लिए कई काम किए हैं. खूबसूरत वादियों में 226 स्क्वॉयर किलो मीटर में फैले इस पार्क को देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं.
झारखंड सरकार ने जानवरों के संरक्षण के लिए 22 हेक्टेयर में 7 ग्रास लैंड बनाया है. पानी की समस्या ना हो इसके लिए 7 चेकडैम और 6 छोटा चैकडैम का निर्माण कराया गया है...पर्यटन से सरकार को एक साल में एक करोड़ से अधिक राजस्व मिला है.
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इस पार्क में 16वीं शताब्दी का एक किला भी बना हुआ है यहां से कोयल नदी और बरहा नदी गुजरती है जो आगे जाकर सोन नदी में मिल जाती है. चारों तरफ से घने जंगलों से घिरे बेतला पार्क में 8 वॉट टॉवर का निर्माण कराया गया है और 12 वाच टॉवर का निर्माण जारी है. पर्यटकों की सुविधा के लिए 40 ट्रेकर और 15 व्याघ्र सुरक्षा बल की तैनाती की गई है. पर्यटकों की बढ़ती तादाद से स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है.
रघुवर सरकार की कोशिश है कि बेतला नेशनल पार्क में मौजूद व्यवस्था को और बेहतर किया जाए जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, सरकार को कमाई होगी और स्थानीय लोगों को और अधिक रोजगार मिलेगा.
(Exclusive फीचर)