Madhupur: आगामी 17 अप्रैल को झारखंड में मधुपुर (Madhupur Assembly Bypoll 2021 ) उपचुनाव होना है. मधुपुर उपचुनाव को लेकर विधानसभा इलाके में राजनीतिक बिसात बिछने लगी है. चुनाव के प्रचार-प्रसार के लिए तमाम दलों के सियासी दिग्गज यहां जुटने लगे हैं. विभिन्न दलों के नेताओं के आने से मधुपुर की आबोहवा में चुनावी शोर सुनाई पड़ रहा है. उपचुनाव को जीतने के लिए पक्ष-विपक्ष के नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.


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BJP ने चला सही दांव या महागठबंधन का आत्मविश्वास सही!
दरअसल, मधुपुर उपचुनाव का मुकाबला बेहद दिलचस्प हो चुका है. यहां एक तरफ साल 2019 के चुनाव में बीजेपी का चेहरा रहे राज परिवार को दरकिनार कर आजसू (AJSU) से बीजेपी का दामन थामने वाले गंगा नारायण सिंह बीजेपी के उम्मीदवार बने हैं. तो दूसरी तरफ महागठबंधन ने हाजी हुसैन  की विरासत बचाने के लिए मंत्री हफीजुल हसन को उतारा है.  इन दोनों के चुनाव में उतरने से चुनावी रणनितिकारों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. इधर, इन रणनितिकारों  के मन में ये सवाल  है कि क्या राज पालीवाल की जगह गंगा नारायण सिंह (Ganga Narayan Singh) पर भरोसा करने का बीजेपी का दांव सही साबित होगा की नहीं. साथ में ये भी बड़ा सवाल है कि महागठबंधन उम्मीदवार हफीज उल हसन (Hafiz-ul-hasan) अपने पिता की विरासत को संभाल पाने में कामयाब होंगे की नहीं.


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17 अप्रैल पर चुनावी दिग्गजों की नजर
इधर, 17 अप्रैल की तारीख मधुपुर के लिए बेहद अहम है. क्योंकि 17 अप्रैल को मधुपुर में उपचुनाव होना है. इसलिए 17 अप्रैल की तारीख साधने में तमाम सियासी पार्टियां लगी है. वहीं, वोटरों को लुभाने के लिए तमाम पार्टियां  के नेता अलग-अलग वादे और दावें कर रहे हैं. साथ ही, सियासी दल मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की हर मुमकिन कोशिश करते नजर आ रहे हैं ताकि जब 17 अप्रैल को मतदाता मतदान के लिए जाएं तो उनके ही पक्ष में मतदान करें


बता दें कि आगामी 17 अप्रैल को मधुपुर में उपचुनाव होंगे और तमाम प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद होगी. लेकिन मधुपुर की जनता ने किसे अपना प्रतिनिधित्व सौंपा है इसका फैसला 2 मई को होगा.