झारखंडः शिबू सोरेन ने कहा हेमंत सोरेन लेंगे महागठबंधन पर अंतिम फैसला
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झारखंडः शिबू सोरेन ने कहा हेमंत सोरेन लेंगे महागठबंधन पर अंतिम फैसला

शिबू सोरेन ने पहले महागठबंधन से इनकार किया फिर उन्होंने कहा कि महागठबंधन पर अंतिम फैसला हेमंत सोरेन के हाथ में है. 

शिबू सोरेन ने कहा अंतिम फैसला हेमंत सोरेन लेंगे. (फाइल फोटो)

रांचीः देश में लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन तैयार करने की कवायद जारी है. वहीं, लोकसभा सभा के साथ-साथ बीजेपी की सरकार वाले राज्यों में विधानसभा चुनाव की भी नीति तैयार की जा रही है. माना जा रहा है कि लोकसभा में महागठबंधन का ट्रायल किया जाएगा. अगर रणनीति सही रही तो विधानसभा चुनाव में भी इसी रणनीति पर काम किया जाएगा. हालांकि महागठबंधन की गुत्थी सुलझ नहीं रही है.

झारखंड में भी लगातार महागठबंधन को तैयार करने की बात कही जा रही है. लेकिन यहां भी गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती ही प्रतित हो रही है. हाल ही में कांग्रेस के साथ महागठबंधन को लेकर जेएमएम, और जेवीएम के नेताओं ने दिल्ली में बैठक की. बैठक के बाद ऐसा लगा की मामला सही हो चुका है अब महागठबंधन तैयार हो जाएगा. लेकिन झारखंड में महागठबंधन पर सभी नेताओं के सुर एक नहीं दिखे.

जेएमएम सुप्रीमों शिबू सोरेन ने पहले पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी. जिसके बाद जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा बीजेपी को रोकने के लिए जो बेहतर परिस्थिति होगी उसी पर ही काम किया जाएगा. ऐसे में यह साफ नहीं हो पाया कि महागठबंधन होगा या नहीं. 

शिबू सोरेन ने पहले महागठबंधन से इनकार किया फिर उन्होंने कहा कि महागठबंधन पर अंतिम फैसला हेमंत सोरेन के हाथ में है. हेमंत जो भी फैसला लेंगे वहीं अतिम होगा. और पार्टी के लिए सर्वमान्य होगा. ऐसे में महागठबंधन पर पेंच जेएमएम की ओर से भी उलझा हुआ ही प्रतित हो रहा है.

वहीं, महागठबंधन की नीति तय नहीं होने पर सत्तापक्ष को वार करने का मौका मिल गया है. बीजेपी नेता सीपी सिंह का कहना है कि जेएमएम में शिबू सोरेन की चलती नहीं है. कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. शिबू सोरेन कब क्या बोलेंगे कोई गारंटी नहीं है. उनकी बातों का जेएमएम में कोई महत्व नहीं है.

बहरहाल, झारखंड में महागठबंधन का पेंच अभी सुलझते हुए नहीं दिख रहा है. माना जा रहा है कि जेएमएम अपनी ताकत के अनुसार महागठबंधन में तरजीह चाह रहा है. इसलिए सीट शेयरिंग पर कांग्रेस और बांकी दलों से बात नहीं बन पा रही है.