Lalu Prasad Yadav: फैसले के बाद रोने लगे लालू के समर्थक, चुप रहीं मीसा भारती
Lalu Yadav Convicted: सीबीआई की विशेष अदालत ने जैसे ही राजद सुप्रीमो को दोषी करार दिया, कोर्ट के बाहर मौजूद समर्थकों में मायूसी छा गई. लंबे समय तक लालू के निजी सचिव रहे विनोद श्रीवास्तव की आंखों से आंसू बहने लगे.
रांची: बहुचर्चित चारा घोटाले के एक अन्य मामले में मंगलवार को लालू यादव को दोषी करार दिया गया. सीबीआई की विशेष अदालत ने जैसे ही राजद सुप्रीमो को दोषी करार दिया, कोर्ट के बाहर मौजूद समर्थकों में मायूसी छा गई. लंबे समय तक लालू के निजी सचिव रहे विनोद श्रीवास्तव की आंखों से आंसू बहने लगे. कई अन्य समर्थक रोने लगे.
लालू के गिरते स्वास्थ्य से समर्थक चिंतित
अदालत के बहर मौजूद रहे राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दिकी ने मायूसी जाहिर करते हुए कहा कि लालू जी आजीवन गरीबों-पिछड़ों के लिए संघर्ष करते रहे. सिद्दिकी ने कहा कि अदालत के फैसले पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन हम अपने नेता के गिरते स्वास्थ्य को लेकर बेहद चिंतित हैं.
करीबियों-समर्थकों में निराशा
पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री श्याम रजक भी अदालत के बाहर खड़े थे. जैसे ही लालू प्रसाद को दोषी करार दिये जाने की खबर बाहर आई, वह चुपचाप कुछ कहे बगैर गाड़ी में जाकर बैठ गये. बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अदालत के फैसले का सम्मान है, लेकिन हम सभी लोग जानते हैं कि लालू प्रसाद यादव कैसे ईमानदारी के साथ हर व्यक्ति को उसका अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे.
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नारेबाजी को लेकर दी गई थी हिदायत
बिहार और झारखंड के अलग-अलग इलाकों से बड़ी संख्या में लालू प्रसाद के समर्थक सोमवार को ही रांची पहुंच गये थे. अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए साढ़े ग्यारह बजे का वक्त तय कर रखा था. इसके एक-डेढ़ घंटे पहले से ही लालू के समर्थक अदालत परिसर के बाहर इकट्ठा थे. लालू प्रसाद यादव और राजद के वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही सबको हिदायत दे रखी थी कि अदालत परिसर में या बाहर कोई भी नारेबाजी नहीं करेगा.
सबको कहा गया था कि अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा. हुआ भी ऐसा ही. फैसला आने पर समर्थकों में मायूसी पसर गयी, लेकिन किसी ने कोई नारेबाजी नहीं की.
लालू प्रसाद यादव की बड़ी पुत्री मीसा भारती सोमवार से ही रांची में हैं. वह रांची के स्टेट गेस्ट हाउस में हैं. उन्होंने टीवी पर निगाहें लगा रखी थीं. पिता को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की खबर सुनकर वह मायूस हो गयीं. फैसला आने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया.
रिम्स में किया गया शिफ्ट
हालांकि इसके पहले सोमवार को उन्होंने रांची पहुंचने के बाद कहा था कि लालू जी इन दिनों काफी बीमार रहते हैं. फैसला आने के बाद लालू प्रसाद यादव की ओर से अदालत से दरख्वास्त लगाई गई कि खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जमानत दी जाये या चिकित्सकों की निगरानी में रिम्स भेजा जाये.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने अपराह्न् दो बजे इस आवेदन पर सुनवाई करते हुए उन्हें होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेजने का आदेश दिया . अदालत ने उनके मेडिकल पीटिशन को भी स्वीकार कर लिया.
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समर्थकों की रही भीड़
जेल में आवश्यक कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद लालू यादव को रिम्स ले जाया जायेगा. लगभग ढाई बजे लालू प्रसाद यादव को जब होटवार जेल ले जाया जाने लगा तो उनके पीछे समर्थकों के गाड़ियों का काफिला चल पड़ा. हालांकि जेल से लगभग आधा किलोमीटर पहले ही सभी बाहरी गाड़ियां रोक दी गयीं.
गौरतलब है कि चारा घोटाले के ये मामले 1990 से 1996 के बीच के हैं. बिहार के सीएजी (मुख्य लेखा परीक्षक) ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को समय-समय पर भेजी थी लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया. सीबीआई ने अदालत में इस आरोप के पक्ष में दस्तावेज पेश किये कि मुख्यमंत्री पर रहे लालू यादव ने पूरे मामले की जानकारी रहते हुए भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. कई साल तक वह खुद ही राज्य के वित्त मंत्री भी थे, और उनकी मंजूरी पर ही फर्जी बिलों के आधार राशि की निकासी की गयी. चारा घोटाले के चार मामलों में सजा होने के चलते राजद सुप्रीमो को आधा दर्जन से भी ज्यादा बार जेल जाना पड़ा. इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है.
(इनपुट-आईएएनएस)