खूंटी: खूंटी जिला में आज आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने अपने मानदेय की मांग और हेमंत सरकार के वादाखिलाफी के विरोध में अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया. आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने खूंटी समाहरणालय के सामने धरना दिया. इस दौरान उन्होंने हेमंत सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. उन्होंने पिछले आठ महीने से मानदेय और कई महीने के पोषाहार राशि नहीं दिये जाने का आक्रोश जताया. इस धरना-प्रदर्शन में खूंटी जिले के सभी प्रखण्डों के सैकड़ों सेविका सहायिका शामिल हुईं. धरने में कई लोगों को अपने शिशुओं के साथ भी देखा गया जिनकी विगत आठ माह से मानदेय भुगतान भी नहीं किया गया है. ऐसी विकट परिस्थितियों को झेलते हुए आज वो धरना देने पर मजबूर हुईं. 


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उग्र होगा आंदोलन


आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ के कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने बताया कि," विगत आठ महीने से मेहनतकश आंगनबाड़ी केंद्र चलानेवालों को मानदेय नहीं दिया है. अगर हेमन्त सरकार आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांग को पूरा नहीं करती है तो आंदोलन और उग्र होगा. साथ हीं मंत्री आवास का घेराव भी किया जाएगा." संगठन की तोरपा प्रखण्ड सचिव रंजिता देवी ने बताया कि," हेमंत सोरेन ने आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं का वेतन 13000 हजार रुपए करने का घोषणा किया था, लेकिन अब आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं को वादा तो छोड़िए मानदेय तक नहीं दे रही है. हेमंत सरकार अगर इतना में भी नहीं सुन रही है तो सेविका सहायिका आगे भी लड़ाई लड़ने को तैयार है."


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बहनों के साथ अत्याचार 


वहीं जयवन्ती नाग ने बताया कि," हेमंत सरकार ने काफी दिनों से पोषाहार की राशि नहीं दिया है. साथ ही, सभी कामों में सहयोग करने के लिए कहा जाता है. यही कारण है नौ सूत्री मांगों को लेकर मजबूरी वश धरना दिया जा रहा है." दयामुनी धान ने बताया कि," हेमंत ने वादा किया था कि सेविका सहायिकाओं का मानदेय की राशि 13 हजार रुपए किया जाएगा. जिसे राखी बांधकर गद्दी पर बैठाया था वही हेमंत सोरेन अब अपने बहनों के साथ अत्याचार कर रहे हैं. जिस प्रकार से हम गद्दी में बैठा सकते हैं तो उसे उठाकर पटक भी सकते हैं.