झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करती है केंद्र सरकार: हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यहां तक कह दिया कि केंद्र सरकार का वश चले तो झारखंड में कोयले की माइनिंग के लिए सरकार यहां के लोगों को अन्यत्र शिफ्ट करवा दे.
रांची: झारखंड विधानसभा में सोमवार की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ भेदभाव के गंभीर आरोप लगाये. प्रश्नकाल में भाजपा विधायक ढुल्लू महतो के एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यहां तक कह दिया कि केंद्र सरकार का वश चले तो झारखंड में कोयले की माइनिंग के लिए सरकार यहां के लोगों को अन्यत्र शिफ्ट करवा दे.
बीजेपी विधायक ने कंपनियों की मनमानी का उठाया मुद्दा
प्रश्न काल के दौरान बाघमारा क्षेत्र के भाजपा विधायक ढुल्लू महतो ने झारखंड में सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल जैसी कोल कंपनियों की कथित मनमानी का मामला उठाया.
'नियमों की हो रही अनदेखी'
उन्होंने कहा कि ये कंपनियां रैयतों के साथ मनमानी पर उतारू हैं. जमीन अधिग्रहण के बाद जिस जमीन का उपयोग नहीं कर पातीं, उसे रैयतों को नहीं लौटाया जाता है. इतना ही नहीं खनन के बाद संबंधित माइनिंग क्षेत्र की लेबलिंग भी नहीं करायी जाती है, ताकि उस पर फिर से खेती हो सके. कानून में रैयतों को नौकरी और मुआवजा देने का भी प्रावधान है. लेकिन नियमों की अनदेखी हो रही है.
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हेमंत सोरेन ने दिया जवाब
इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र की कंपनियां कोल बेयरिंग एक्ट के तहत जमीन लेती हैं. केंद्र के कानून के तहत जिन रैयतों की जमीन ली जाती है, उनके साथ न्याय होना चाहिए. उनका हक मिलना चाहिए. इसे लेकर हमारी सरकार की ओर से कोल इंडिया को कई बार फटकार भी लगाई जा चुकी है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार इस एक्ट का अध्ययन कर आगे की कार्रवाई करेगी.
झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार
इधर विधानसभा की दूसरी पाली में कार्यवाही के दौरान स्वास्थ्य विभाग की अनुदान मांगों पर विपक्ष के कटौती प्रस्ताव का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी केंद्र पर झारखंड की अनदेखी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में केंद्र सरकार ने झारखंड के साथ सौतेले बेटे जैसा व्यवहार किया.
(इनपुट-आईएएनएस)