Ranchi: झारखंड में जेलों की चाहरदीवारी के भीतर भी छठ के गीत गूंज रहे हैं.  राज्य की अलग-अलग जेलों में इस वर्ष 80 से ज्यादा कैदी छठ व्रत कर रहे हैं. जेलों में प्रशासन ने इन सभी के लिए फल-फूल, प्रसाद, सूप-दौरी, नये वस्त्र और पूजन सामग्री का इंतजाम किया है. सूर्य देवता को अघ्र्य देने के लिए जेलों के अंदर ही अस्थायी तालाब या कृत्रिम जलाशय बनवाये गये हैं. छठ पर तीन दिनों का निर्जला उपवास करनेवाले बंदियों में एक दर्जन ऐसे हैं, जो हत्या जैसे अपराधों के लिए सजा काट रहे हैं.  छोटे-बड़े अपराधों के चलते जेल पहुंचे कैदी अपने गुनाहों के लिए छठ माता से क्षमा मांगेंगे. 


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 झारखंड की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक हजारीबाग स्थित जयप्रकाश केंद्रीय कारागार के अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने बताया कि इस वर्ष 34 कैदी छठ व्रत कर रहे हैं.  इनमें महिला और पुरुष दोनों हैं. मंगलवार को पूरे दिन उपवास के बाद व्रती शाम में खरना करेंगे. खरना प्रसाद के लिए खीर-रोटी बनायी जा रही है.  बुधवार को जेल में ही बने तालाब पर शाम का अघ्र्य और गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य दिया जायेगा.  छठ घाट पर विशेष सजावट भी की गयी है. विशेष प्रसाद ठेकुआ बनाने में व्रतियों के साथ-साथ कई अन्य कैदी सहयोग कर रहे हैं.  


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पिछले साल यहां 26 कैदियों ने छठ पर उपवास किया था.  इस बार 34 कैदियों ने छठ व्रत के लिए आवेदन किया.  जेल प्रशासन ने सभी को मंजूरी देते हुए उनके लिए सभी जरूरी व्यवस्था उपलब्ध करायी है.  सोमवार को नहाय-खाय के साथ ही चाहरदीवारी के भीतर छठ गीत गूंजने लगे थे.  जेल अधीक्षक के अनुसार, व्रत को लेकर सामान्य कैदी भी उत्साहित हैं और वे इसके लिए हर तरह की व्यवस्था में हाथ बंटा रहे हैं. 


पलामू स्थित मेदिनीनगर सेंट्रल जेल में भी 20 कैदी छठ व्रत पर उपासना में जुटे हैं.  इनमें कुछ ऐसे हैं, जो नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं और जेल लाये जाने के पहले पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड हुआ करते थे.  यहां भी अघ्र्य के लिए टंकी बनायी गयी है.  जेल प्रशासन के सहयोग से साफ-सफाई से सजावट तक की व्यवस्था कैदियों ने ही की है.  इसी तरह रांची स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में कुल 10 कैदी व्रत कर रहे हैं. 


 जेलर हामिद अख्तर ने बताया कि इनमें 9 महिलाएं और एक पुरुष है.  जमशेदपुर स्थित घाघीडीह सेंट्रल जेल में आधा दर्जन कैदी और धनबाद मंडल कारा में सात कैदी छठ की उपासना में जुटे हैं.  धनबाद मंडल कारा केछठ व्रतियों में चार पुरुष और तीन महिलाएं हैं.  दुमका, कोडरमा सहित राज्य की अन्य कई जेलों में व्रत करनेवाले कैदियों के लिए जेल प्रशासन की तरफ से जरूरी व्यवस्थाएं की गयी हैं. 


(इनपुट:आईएएनएस)