विदेशियों की जुबां पर भी चढ़ा बाबाधाम के पेड़ों का स्वाद, अब बहरीन में सप्लाई की तैयारी
देवघरः द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ धाम के दर्शन करने लाखों की संख्या में रोज श्रद्धालु आते हैं. यहां बाबा को प्रसाद के रूम में चढ़ाया जानेवाला पेड़ा अब विदेशी पर्यटकों के मन को भी भा रहा है. ऐसे में इस पेड़े की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही.
देवघरः द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ धाम के दर्शन करने लाखों की संख्या में रोज श्रद्धालु आते हैं. यहां बाबा को प्रसाद के रूम में चढ़ाया जानेवाला पेड़ा अब विदेशी पर्यटकों के मन को भी भा रहा है. ऐसे में इस पेड़े की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही. व्यापारी इस पेड़े को अब इंटरनेशनल मार्केट तक पहुंचाने की कोशिश में लग गए हैं.
विदेश में देवघर के पेड़ों की मांग
बाबाधाम के पेड़ा विदेश में भी अपनी धाक जमा रहा है. विदेशियों की जुबां पर भी देवघर के पेड़े की मिठास चढ़ गया है. जिसके बाद अब विदेशी मार्केट में पेड़े की सप्लाई करने की तैयारी की जा रही है. दरअसल बाबाधाम पेड़ा और अन्य उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में प्रमोट करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. जिसके चलते झारखंड सरकार के उपक्रम मेघा डेयरी के पेड़ों के सैंपल कई जगह भेजे गए थे. एक कंपनी के माध्यम से बहरीन में भी सैंपल भेजे गए. जहां सैंपल को काफी पंसद किया गया
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कागजी कार्रवाई के बाद होगी सप्लाई
देवघर के मेघा डेयरी के मैनेजर मिलन मिश्रा ने बताया कि देवघर डीसी की पहल पर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और उन कंपनियों को जो पेड़े विदेश में सप्लाई करती है सैंपल भेजे गए थे. जिसके बाद बहरीन से इस पेड़े की काफी डिमांड आई है. उन्होंने बताया कि अब कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद डिमांड के मुताबिक पेड़े की सप्लाई विदेशों में की जाएगी. पेड़े की अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बिक्री के लिए लाइसेंस भी मिल चुका है.
अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पैठ बनाने की तैयारी
विभिन्न स्टेक होल्डरों जैसे डी.आई.सी., ए.पी.ई.डी.ए, एस.पी.सी.सी.आई, मेघा डेयरी, देवघर जिला प्रशासन के सूचना विभाग आदि भी बैठक के माध्यम से पेड़ा के कॉमर्शियल शिपमेंट और सप्लाई के लिए लगातार कार्य योजना बना रहे हैं. साथ ही इसकी क्वालिटी पैरामीटर, पैकेजिंग स्पेसिफिकेशन और लॉजिस्टिक अरेंजमेंट के अलावा हर चीज का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. हर वो कदम उठाए जा रहे हैं जो अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पेड़े की पहुंच बनाने के लिए जरूरी है.
(इनपुट : विकास कुमार रॉय)