Deoghar: नटराज की नगरी कहे जाने वाले देवघर में कलाकारों की कोई कमी नहीं है. यहां राष्ट्रीय स्तर के कई ऐसे कलाकार हैं जो देवघर को कला के क्षेत्र में अलग पहचान दिलाते हैं. दुर्गा पूजा की शुरुआत हो चुकी है और देवघर में दुर्गा पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है. यहां के पंडाल और साजो सज्जा भी देखने लायक होती है.


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बता दें कि देवघर में अनोखी परंपराओं के साथ दुर्गा पूजा संपन्न होती है. इन सबके बीच राष्ट्रीय स्तर के एक कलाकार मारकंडेय जजवाड़े कला के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. दुर्गा पूजा में इनकी कलाकृति लोगों को अपना दीवाना बना देती है.


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आइसक्रीम खाने वाली लकड़ी की चम्मच से बना पंडाल
वहीं, इस साल बाबा की नगरी देवघर में आइसक्रीम खाने वाली लकड़ी की चम्मच और पत्ते की बने प्लेट-दोने से एक खूबसूरत पंडाल बनाया गया है. देवघर के सेंट्रल प्लाजा में मारकंडेय जजवाड़े कि यह कलाकृति पहले दिन से ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. बाबा नगरी के डीसी द्वारा थर्माकोल बहिष्कार और देसी उत्पादकों का इस्तेमाल सहित देसी चाय के कुल्हड़, पेड़ के पत्तों से बनी प्लेट और दोनों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. इसी थीम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जजवाड़े ने अपनी कलाकृति के जरिए मां दुर्गा के पंडाल की रचना कर डाली. देवघर के सेंट्रल प्लाजा में यह खूबसूरत पंडाल लोगों का आकर्षण का केंद्र है. 


कद्दू आर्ट ने दी अलग पहचान
बता दें कि जजवाड़े राष्ट्रीय स्तर के कलाकार हैं और शिवरात्रि में 25 सालों से झांकियां बना रहे हैं. इसके अलावा कद्दू आर्ट ने इन्हें देश में अपनी एक अलग पहचान दी है. प्रत्येक साल मारकंडेय अपनी टीम के साथ एक अनोखी थीम लेकर आते हैं, जिसका खुलासा दुर्गा पूजा की पहली पूजा पर होता है. इस बार लकड़ी की चम्मच और पेड़ के पत्तों से बनी पत्तल और दोनो से यह खूबसूरत कलाकृति बनाई गई है.


(इनपुट- विकास कुमार)