रांची: झारखंड की ब्यूटी डुंगडुंग ने आयरलैंड में आयोजित यूनिफर अंडर-23 फाइव नेशन हॉकी टूर्नामेंट में 'ब्यूटीफुल परफॉर्मेंस' का जलवा दिखा दिया. भारत की जूनियर महिला हॉकी टीम इस टूर्नामेंट में उपविजेता रही, लेकिन प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब ब्यूटी के हिस्से में आया. ब्यूटी की कामयाबी के पीछे उसके और उसके माता-पिता के संघर्ष की एक अथक कहानी है. 


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इंटरनेशनल हॉकी के मैदान में पहुंचने के पहले ब्यूटी ने खुद दूसरे के खेतों में मजदूरी तक की, तो उसके पिता ने उसकी ट्रेनिंग और उसके सपनों को पूरा रखने के लिए अपने खेत तक गिरवी रख दिये थे. टूनार्मेंट के समापन के बाद मंगलवार को ब्यूटी जब रांची लौटी तो हॉकी झारखंड के पदाधिकारियों और खेलप्रेमियों ने एयरपोर्ट पर उसका और टीम में शामिल झारखंड की दो अन्य खिलाड़ियों महिमा टेटे और दीपिका सोरेन का जोरदार स्वागत किया. बाद में हॉकी झारखंड के कार्यालय में भी तीनों का अभिनंदन किया गया.


खास बात यह कि भारतीय टीम में शामिल रही झारखंड की ये तीनों खिलाड़ी झारखंड के अत्यंत पिछड़े और नक्सल प्रभावित सिमडेगा जिले की रहने वाली हैं. गरीब परिवारों से आनेवाली तीनों खिलाड़ियों के अपने-अपने संघर्ष हैं.


आयरलैंड में आयोजित टूर्नामेंट के दौरान ब्यूटी डुंगडुंग छायी रहीं. उन्होंने टूर्नामेंट के लीग मैचों के दौरान आयरलैंड, नीदरलैंड और यूएसए के खिलाफ एक-एक गोल किये. फाइनल में भारत को नीदरलैंड को हाथों 4-1 से पराजित होना पड़ा, लेकिन भारत की ओर से एकमात्र गोल ब्यूटी डुंगडुंग ने ही किया.


सिमडेगा के सिमडेगा के करंगागुड़ी-बाजूटोली निवासी ब्यूटी के पिता अम्ब्रोस डुंगडुंग भी हॉकी के नेशनल प्लेयर रह चुके हैं, लेकिन उनकी माली हालत कभी अच्छी नहीं रही. इसके बावजूद उन्होंने बेटी को हॉकी का इंटरनेशनल प्लेयर बनाने का सपना देखा. ब्यूटी पहले गांव और स्कूल की हॉकी टीम से खेलती थी. इस दौरान उसने कई बार दूसरे के खेतों में धनरोपनी का काम भी किया. पिता जानते थे कि अगर बेटी को इंटरनेशनल मैदान तक पहुंचाना है तो उसकी अच्छी ट्रेनिंग और उसके लिए पौष्टिक आहार सुनिश्चित कराना होगा. उन्होंने और उनकी पत्नी नीलिमा ने इसके लिए खेत गिरवी रखकर पैसे जुटाये. उसे सिमडेगा स्थित डे बोडिर्ंग सेंटर में दाखिला दिलाया. 


कोरोनाकाल में घर की हालत डगमगाई तो ब्यूटी के पिता ने मुंबई जाकर कई दिनों तक वहां मजदूरी की. इधर, सिमडेगा डे बोडिर्ंग सेंटर में हॉकी कोच प्रतिमा बारवा की ट्रेनिंग से ब्यूटी का खेल दिन-ब-दिन निखरता गया और उसने भारतीय जूनियर महिला हॉकी में जगह बना ली. वह इस वक्त इस टीम की वाइस कैप्टन हैं. बीते महीने ही ब्यूटी को इंडियन ऑयल ने नौकरी दी है. उसके पिता एंब्रोस डुंगडुंग बेटी की सफलताओं से बेहद खुश हैं. वह कहते हैं कि ब्यूटी ने हमारा जीवन सार्थक कर दिया है. ब्यूटी की कोच प्रतिमा बारवा कहती हैं कि सब कुछ ठीक रहा तो ब्यूटी भारत की सीनियर टीम की ओर से भी इंटरनेशनल लेवल पर खेलेगी. हमें उससे बड़ी उम्मीदें हैं.


(आईएएनएस)