झारखंड का ऐसा गांव, जहां आज भी पीने के पानी को लेकर लोगों को करनी पड़ती है जद्दोजहद
खूंटी में एरेंडा गांव के तुतटोली इलाके में `नल से घर तक जल` योजना पर अब पानी फिरने लगा है. यह एक ऐसा गांव है जहां आजादी के बाद भी लोगो खुले कुएं का पानी पीना पड़ रहा हैं
Khunti: खूंटी में एरेंडा गांव के तुतटोली इलाके में 'नल से घर तक जल' योजना पर अब पानी फिरने लगा है. यह एक ऐसा गांव है जहां आजादी के बाद भी लोगो खुले कुएं का पानी पीना पड़ रहा हैं. गांव में एक जलमीनार बना हुआ है, लेकिन वह भी पिछले एक साल से खराब पड़ा है. खराब पड़ी जलमीनार को लेकर कई बार संबंधित पदाधिकारियों से गुहार लगाई गई, लेकिन इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके चलते लोगों को सरकारी योजना का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिस वजह से गांव के लोग आज भी पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं.
कुएं का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
गांव में एक जलमीनार तो बना दिया गया है पर यह भी वर्षों से खराब है. जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. महिला मंडल और ग्रामीणों ने इस खराब पड़े जलमीनार की समस्या को पदाधिकारी के सामने कई बार रखा, लेकिन कोई सुनवाई अब तक नहीं हुई. इससे लोगों को सरकारी योजना का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसका मुख्य कारण ठीकेदारी में उचित मापदंड की कमी है. जिसे न तो बनाया जा रहा है और न ही उसका उपयोगी ही सिद्ध हो रहा है. जिसके कारण लोगों को कठिनायों का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रामीण हैं परेशान
गांव के संजय बैठा ने बताया कि महिलाएं सुबह उठकर बगीचे में बना पुराना कुएं से खाना बनाने और पीने का पानी लाने जाती हैं. गर्मी हो या बरसात पानी लाने के लिए घर से दूर जाना पड़ता है. गांव की महिलाओं का कहना है कि घर से दूर जाकर पानी लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं को घर के काम के अलावा आय के श्रोत के लिए भी घर से बाहर निकलना पड़ता है. जिससे काफी दिक्कत हो जाती है. जबकि शहर से निकट गांव होने के बावजूद गांव पेय जल के लिए सुविधाहीन हो गया है. सरकार की योजना नल से घर तक जल केवल बातों में रह गयी है.
आज़ादी के दशकों बाद भी गांव में पीने का पानी तक नहीं हैं. सरकारी आश्वासन के बाद भी लोगों को पीने के पानी के लिए आज भी जद्दोजहद करनी पड़ती है.
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