झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से बिजली बकाये के लिए एकमुश्त राशि काटने के बजाय किस्तों में बकाये का विकल्प देने का आग्रह किया.
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Ranchi: दामोदर वैली कॉरपोरेशन यानि DVC के बकाये को लेकर झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के बीच तनातनी लगातार जारी है. एक बार फिर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से DVC के बकाये को लेकर राज्य के खाते से एकमुश्त राशि ना काटने की अपील की है. वहीं इस मामले को लेकर हमेशा की तरह सत्ता पक्ष और विपक्ष में बयानबाज़ी भी देखने को मिल रही है.
1100 करोड़ की राशि कटने की संभावना
DVC के बकाये के लेकर केंद्र सरकार की ओर से RBI के जरिये झारखंड के खाते से समय-समय पर राशि काटी जा रही है. इस साल भी झारखंड के खाते से 700 करोड़ कट चुके हैं, और एक बार फिर 1100 करोड़ की राशि कटने की संभावना है. ऐसे में झारखंड में इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गयी है.
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'किस्तों में काटी जाए बकाया राशि'
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के मुताबिक कोरोना संक्रमण के कारण झारखंड में राजस्व संग्रहण कम हुआ है, जिसका प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. ऐसे में केंद्र सरकार को एकमुश्त राशि काटने के बजाय किस्तों में बकाये का विकल्प देना चाहिए.
'झारखंड की अर्थव्यवस्था पर नुकसान होगा'
रामेश्वर उरांव ने कहा की केंद्र की ओर से पैसे काटने पर राज्य की योजनाओं को धरातल पर उतारन में दिक्कत होगी. ऐसे में अगर केंद्र राज्य का पैसा काटेगा तो हमें भी राज्य में चल रही योजनाओं पर राशि में कटौती करनी पड़ेगी. रामेश्वर उरांव ने कहा की केंद्र की मनमानी से झारखंड की अर्थव्यवस्था पर नुकसान होगा.
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'झारखंड के साथ हो रहा भेदभाव'
वहीं राज्य के पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने एक बार फिर
केंद्र सरकार पर झारखंड सरकार से भेदभाव करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा की बगैर केंद्र के सहयोग के राज्य विकास नहीं कर सकता, लेकिन केंद्र सरकार अभी भी झारखंड से भेदभाव कर रही है, जिसका जनता आने वाले समय में जवाब देगी.
'झारखंड सरकार महंगी परियोजनाओं को फिलहाल रोके'
वहीं मामले को लेकर विपक्षी दल बीजेपी के अपने तर्क हैं.बीजेपी के मुताबिक राज्य सरकार को DVC बकाये को लेकर केंद्र पर दोषारोपण करने के बजाय कुछ महंगी परियोजनाओं को कुछ दिन के लिए रोक देने पर विचार करना चाहिए. बीजेपी के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार के मुताबिक बिजली कंपनी की हालत काफ़ी ख़राब है और बिजली की समस्या का मूल कारण भी यही है. ऐसे में राज्य सरकार को कुछ महंगी परियोजनाओं को रोककर, पैसे बचाने चाहिए.
(इनपुट: अभिषेक भगत)