Ranchi: इस बार मानसून की बेरुखी के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है. कमजोर मानसून की वजह से धान की खेती पर ग्रहण लगा हुआ है. अगर आने वाले दस दिनों में बारिश न हुई तो धान की खेती बर्बाद हो सकती है. ऐसे में अब किसान आसमान की तरफ देखने को मजबूर हो गए गए हैं. अगर आने वाले दिनों में बारिश न हुई तो खेती कर गुजर-बसर करने वाले किसानों के लिए समस्या बढ़ जाएगी. 


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राजधानी रांची के सबसे बड़े धान की खेती करने वाले इलाके कांके प्रखंड के होचर में मानसून की दगाबाजी से धान के बिचड़े ख़राब हो गए हैं. लिहाजा एक हजार एकड़़ से ज्यादा इलाके में धान की खेती पर अब सवालिया निशान लग गया है. बारिश न की वजह से होचर में सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर बने कुएं और तालाब भी सूख चुके हैं. ऐसे में धान की खेती को लेकर किसानों की उम्मीद टूटती हुई दिखाई दे रही है. 


मानसून रहा है सामान्य 


राज्य में इस बार मानसून बेहद सामान्य रहा है. रांची समेत राज्यभर में काफी कम बारिश हुई है जो कि धान की खेती के लिए पर्याप्त नहीं है. पिछली बार अच्छी बारिश होने की वजह से खेती में काफी ज्यादा फायदा हुआ था. जिस वजह से इस बार होचर के किसानों ने बैंक से लोन और कर्ज लेकर बड़े उत्साह के साथ धान की खेती की थी. लेकिन बारिश के भरोसे किसानी करने वाले किसानों को अभी सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. किसानों के अनुसार उनकी सारी जरूरतें इसी खेती से पूरी हो जाती है लेकिन इस बार बर्बाद हुए खेतों की वजह से उनकी समस्या और ज्यादा बढ़ गई है.