मुजफ्फरपुरः चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में चल रहा है. वहीं, शनिवार को सीपीआई नेता जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अस्पताल में घुसने की इजाजत नहीं दी गई. वह अस्पताल के बाहर से ही लौटकर चले गए.


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चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) के संदिग्ध मामलों के चलते बिहार में 165 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं, मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 127 बच्चों की मौत हुई है.


शनिवार को कन्हैया कुमार एसकेएमसीएच जाने के लिए मुजफ्फरपुर आए, लेकिन अस्पताल अधिकारियों के एक आदेश के चलते उन्हें बच्चों के आईसीयू और सामान्य वार्ड में घुसने की इजाजत नहीं दी गई.


दरअसल, एसकेएमसीएच अधीक्षक ने गुरुवार को यह आदेश जारी किया था कि मीडियाकर्मियों सहित किसी भी बाहरी व्यक्ति को अस्पताल की शिशु इकाई में घुसने की इजाजत नहीं दी जाएगी. 


हालिया लोकसभा चुनाव में राज्य की बेगूसराय सीट से भाकपा के प्रत्याशी रहे कन्हैया ने चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए. 


इस बीच, अस्पताल को एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने दो एंबुलेंस, एक शव वाहन और अन्य चीजें दान की हैं. 


बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने ओआरएस, बिस्कुट और ग्लूकोज के 40,000 पैकेट भी दान में दिए हैं. 


बाबा गरीबनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी विनय पाठक के साथ कुणाल ने एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों की मदद के लिए जिला प्रशासन को ये चीजें तथा वाहन सौंपे.  


(इनपुटःभाषा)