Kishanganj Another Bridge Collapse: बिहार में लगता है कि पुलों पर किसी भूत का साया मंडरा रहा है. शायद यही वजह है कि बीते 10 दिनों में चौथा पुल भरभराकर ढह गया. अबकी बार किशनगंज में कनकई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बना पुल ढह गया. पुल का अप्रोच पथ भी धरासायी हो गया. घटना बहादुरगंज प्रखंड के बांसबाड़ी श्रवण चौक स्थित मरिया नदी पर बने पुल की है. जानकारी के मुताबिक, इस पुल का निर्माण 12 साल पहले हुआ था. निर्माण के 6 साल बाद से ही यानी 2017 से ही पुल क्षतिग्रस्त होना शुरू हो गया था. बताया जा रहा है कि पुल शुरुआती बारिश के पानी का दबाव ही नहीं सह सका और ब्रिद का एक पाया धंस गया. पुल को जोड़ने वाला अप्रोज पथ भी पूरी तरह से धंस चुका है.


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इस पुल का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग वन के द्वारा वर्ष 2011 में किया गया था. पुल को बनाने में लगभग 25 लाख रुपये खर्च हुए थे. इस पुल की लंबाई लगभग 70 मीटर और चौड़ाई 12 मीटर है. ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल निर्माण में इतना भ्रष्टाचार हुआ था कि पुल निर्माण के 6 साल बाद यानी 2017 से ही डैमेज होता आ रहा है. कुछ महीने पहले से ही पुल धंसना शुरू हो गया था, अब नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ गया और पुल इसका दबाव सह नहीं सका. गुरुवार (27 जून) की दोपहर में पुल के बीच का हिस्सा पूरी तरह धंस गया. 


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फिलहाल पुल के दोनों ओर आवागमन को रोक दिया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि ये पुल काफी महत्वपूर्ण है. जिले के दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया से जयनगर होकर लोहागाड़ा मुख्य सड़क रास्ट्रीय राज मार्ग 327 ई को यह पुल जोड़ता है. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द पुल निर्माण की मांग की है. उधर किशनगंज के डीएम तुषार सिंगला ने बताया कि जिले के बहादुरगंज ब्लॉक स्थित 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा एक पुल गिर गया है. यह पुल 2011 में मडिया नामक छोटी सहायक नदी पर बनाया गया था. 


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इस मामले में जब ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल के कार्यपालक पदाधिकारी गौरव कुमार से संपर्क किया गया तो वह अपने कार्यलय में अनुपस्थित थे, जबकि ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता श्रवण कुमार सहनी से पुल गिरने की वजह पूछने पर कैमरा देखकर भागते नजर आए. बता दें कि बिहार में पिछले एक सप्ताह में पुल गिरने के तीन हादसे सामने आ चुके हैं. अररिया, सिवान और मोतिहारी के बाद अब किशनगंज में भी पुल ढह गया है.