26 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 17 मिनट सूर्य ग्रहण शुरू होगा. वहीं, 9:17 पर ग्रहण का मध्यकाल होगा. जबकि 10 बजकर 57 मिनट पर ग्रहण का मोक्ष होगा. इसके साथ ही सूतक 12 घंटे पहले यानी 25 दिसंबर को रात 8 बजकर 17 मिनट पर ही लग जाएगा.
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पटना: गुरुवार यानी 26 दिसंबर को साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लग रहा है. इसका असर पूरी दुनिया के अलावा भारत में भी देखने को मिलेगा. इस सूर्य ग्रहण को 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया गया है. वैसे सूर्य ग्रहण का अपना धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व होता है.
जानकारी के अनुसार, 26 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 17 मिनट सूर्य ग्रहण शुरू होगा. वहीं, 9 बजकर 37 मिनट पर ग्रहण का मध्यकाल होगा. जबकि 10 बजकर 57 मिनट पर ग्रहण का मोक्ष होगा. इसके साथ ही सूतक 12 घंटे पहले यानी 25 दिसंबर को रात 8 बजकर 17 मिनट पर ही लग जाएगा.
हालांकि, सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के मन में भय है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि ये एक खगोलीय घटना से अधिक कुछ नहीं है. वहीं, सूर्य और चंद्र ग्रहण को लेकर कुछ सावधानियां भी बरतने को कहा जाता है. जैसे- इस ग्रहण काल के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. साथ ही इस दौरान भोजन भी नहीं बनाना चाहिए. वहीं, ग्रहण के समय मंदिर बंद रहते हैं. जबकि ग्रहण समाप्त होने के बाद ही मंदिरों में साफ-सफाई होती है और फिर कपाट खुलता है.
माना जाता है कि ग्रहण काल के दौरान पूजा-पाठ भी नहीं करना चाहिए. साथ ही कोई भी शुभ काम करने से बचना चाहिए. कई पंडितों की मानें तो, इस बार के सूर्यग्रहण की विशेष बात यह होगी कि ये ग्रहण षडग्रही योग में पड़ रहा है. जिसका अर्थ है कि एक ही राशि में एकसाथ 6 ग्रह रहेंगे.
वहीं, नासा ने सूर्य ग्रहण लगने से पहले एक चेतावनी जारी की है. नासा ने कहा कि लोग इसे नग्न आंखों से देखने की कोशिश कतई न करें. इसे देखने के लिए सनग्लास का प्रयोग करना ही ठीक होगा. बता दें कि इस सूर्य ग्रहण का कई राशियों पर प्रभाव भी पड़ेगा