मायावती से मिलने के बाद बोले तेजस्वी, सपा-बसपा गठबंधन से गदगद हैं लालू यादव
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मायावती से मिलने के बाद बोले तेजस्वी, सपा-बसपा गठबंधन से गदगद हैं लालू यादव

गठबंधन का ऐलान होने के बाद पड़ोसी राज्य बिहार में सक्रिय राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने बीएसपी प्रमुख मायावती से मुलाकात करके इस गठबंधन को बनाने के लिए शुक्रिया कहा. 

मायावती से मुलाकात करके तेजस्वी यादव ने उन्हें सपा से गठबंधन के लिए धन्यवाद कहा.

लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और समाजवादी पार्टी (SP) ने आपस में गठबंधन करके मैदान में उतरने का फैसला लिया है. गठबंधन का ऐलान होने के बाद पड़ोसी राज्य बिहार में सक्रिय राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने बीएसपी प्रमुख मायावती से मुलाकात करके इस गठबंधन को बनाने के लिए शुक्रिया कहा. बीएसपी सुप्रीमो से उनके आवास पर मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि इस गठबंधन के बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी का पूरे उत्तर प्रदेश में सफाया हो जाएगा और वे कभी सत्ता में वापस नहीं आ पाएंगे. 

  1. मायावती से उनके आवास पर मिले तेजस्वी यादव
  2. तेजस्वी बोले- इस गठबंधन के सामने हारेगी बीजेपी
  3. कहा-यूपी-बिहार में बीजेपी को मिलेेेेगी कारारी हार 

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बीजेपी बाबा साहेब आंबेडकर के बनाए संविधान को खत्म कर नागपुर का कानून लागू करने में जुटी है. जनता मायावती और अखिलेश की दोस्ती का स्वागत कर रही है. बिहार और उत्तर प्रदेश से बीजेपी का सफाया हो जाएगा. उत्तर प्रदेश में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीतेगी. सभी सीटों पर सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी जीतेंगे.

तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरे पिता ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ही सपा और बसपा को एक साथ मिलकर लड़ने की नसीहत दी थी. उन्हें उम्मीद थी कि अगर उस वक्त ऐसा होता तो तभी उत्तर प्रदेश से बीजेपी का सफाया हो गया होता. हालांकि अभी भी लालू यादव इस सपा-बसपा के गठबंधन से काफी खुश हैं. आरजेडी नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में अघोषित इमरजेंसी लागू कर रखा है.

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तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी सरकारी मशीनरी को दुरुपयोग करके विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है. सरकार ने झूठे मुकदमों में लालू यादव को फंसाकर उन्हें जेल भेज दिया है. जब मैं 13-14 साल का था तभी मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के मुकदमें दर्ज कर दिए गए. इस प्रपंच में मेरे नीतीश चाचा उनकी मदद कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने हमारे साथ मिलकर चुनाव जीत लिया फिर वे बीजेपी के साथ जाकर मिल गए. लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पीछे सीबीआई को लगा दिया गया है.

मालूम हो कि शनिवार को लखनऊ के एक होटल में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने साझा प्रेस कांफ्रेंस करके गठबंधन का ऐलान किया था. गठबंधन में तय हुआ था कि सपा-बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए रायबरेली और अमेठी सीट पर दोनों दल कोई प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. साथ दो सीटें अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी जाएंगी. मायावती ने स्पष्ट रूप से कहा था कि इस गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया जा रहा है, क्योंकि पुराने अनुभव बताते हैं कि कांग्रेस के वोट सपा-बसपा को ट्रांसफर नहीं होते हैं.

गौर करने वाली बात यह है कि 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें बीजेपी की करारी हार हुई थी. हालांकि करीब डेढ़ साल बाद जदयू ने गठबंधन से अलग होकर बीजेपी से हाथ मिलाकर सरकार बना लिया था.