विधान परिषद आवासीय परिसर के ई ब्लॉक स्थित एक गैराज में शराब की बोतल के साथ प्लास्टिक के ग्लास भी मिले हैं, जो कि इस बात की तस्दीक करते हैं कि बीती रात किसी ने यहां बैठकर शराब पी है.
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पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून (Liquor Ban) लागू है, लेकिन शराब की जमकर खपत हो रही है. बिहार की राजधानी पटना (Patna) में ही हमारे इस दावे को बल मिल रहा है. पटना के कई ऐसे इलाके हैं, जहां बिहार विधान परिषद के सदस्य रहते हैं, उस इलाके में भी शराब का जमकर सेवन हो रहा है. हम बात कर रहे हैं दारोगा प्रसाद राय पथ का. यहां मौजूद विधान परिषद आवासीय परिसर में शराब की बोतल मिली है.
विधान परिषद आवासीय परिसर के ई ब्लॉक स्थित एक गैराज में शराब की बोतल के साथ प्लास्टिक के ग्लास भी मिले हैं, जो कि इस बात की तस्दीक करते हैं कि बीती रात किसी ने यहां बैठकर शराब पी है.
गैराज के ठीक नजदीक सत्तारूढ दल जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) की विधान परिषद सदस्य रीना यादव के आवासीय कार्यालय का बोर्ड लगा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि विधान परिषद आवासीय परिसर में शराब की बोतल कहां से आईं? विधान परिषद आवासीय परिसर में जो शराब की बोतल मिली हैं, वो विदेशी ब्रांड की है. बोतल के साथ-साथ प्लास्टिक के ग्लास भी मिले हैं.
इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने सरकार पर निशाना सधा है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी का हम समर्थन करते हैं, लेकिन बिहार में शराबबंदी महज घोषणा बनकर रह गई है. प्रशासन का ध्यान शराब पकड़ने से ज्यादा पुलिसवालों की आमदनी पर है. शराबबंदी पूरे बिहार में फेल है.
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि शराबबंदी एक क्रांतिकारी फैसला है. आज हम 75 विशेष न्यायालय बना चुके हैं. शराब पीने वालों पर प्रशासन का नजर है. साथ ही साथ हम जागरुकता अभियान भी चला रहे हैं. दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है.