जमशेदपुर : लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान हो चुका है. झारखंड के जमशेदपुर में शिक्षा और चुनाव आमने-सामने है. जिला के सबसे बड़े कॉलेज को चुनाव कार्यों को लेकर प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है. इस कारण से प्रिंसिपल से लेकर छात्र तक परेशान हैं. उनका कहना है कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है. इससे डेढ़ महीने तक पढ़ाई पर असर होगा. वहीं, जिला उपायुक्त सह निर्वाचन पदाधिकारी का कहना है कि पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव सबसे जरूरी, कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.


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जमशेदपुर में बहुचर्चित कॉपरेटिव कॉलेज को लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशासन ने अधीन कर लिया गया है. कॉलेज में ईवीएम के स्टॉक और स्ट्रॉंग रूम से लेकर मतगणना तक के सभी काम होंगे. इससे यहां पढ़ने वाले हजारों छात्र परेशान हैं.


जमशेदपुर सीट पर 12 मई को वोटिंग और 20 मई को गिनती का तारीख तय है. प्रशासन ने इसे 15 मार्च से ही अपने कब्जे में ले लिया है. इस फैसले से छात्रों में काफी नाराजगी देखी जा रही है. यहां पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि हम चुनाव का सम्मान करते हैं, लेकिन भविष्य दांव पर रखकर नहीं. छात्रों का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए कॉलेज को अधीन किया जाएगा तो पढ़ाई बाधित होगी. साथ ही उनका कहना है कि ऐसे हालात में वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए.


लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशासन द्वारा कॉलेज पर कब्जा को लेकर छात्र नेता कमल अग्रवाल काफी क्रोधित हैं. उनका कहना है कि जब चुनाव में सारा पैसा जनता का ही लगना है तो सरकार शिक्षा के मदिर को छोड़ कोई दूसरा विकल्प क्यों नही तलाश करती. साथ ही उन्होंने सरकार पर शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने का आरोप लगाया है.


वहीं, इस पूरे मामले पर कॉलेज के प्रिंसपल वीके सिंह ने भी नाराजगी दिखाई है. उन्होंने कहा कि यह गलत हो रहा है. शिक्षा के मंदिर को चुनाव से दूर रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पत्राचार के माध्यम से आपत्ति व्यक्त किया जाएगा. इन तमाम मसलों पर जिला उपायुक्त अमित कुमार ने कहा दोनों जरूरी कार्य हैं, मगर चुनाव सबसे जरूरी है. इसको लेकर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.


(पीयूष मिश्र)