चतरा: झारखंड में चतरा जिले के पांच माओवाद प्रभावित गांवों के मतदाताओं ने साल 2000 में राज्य के गठन के बाद पहली बार सोमवार को अपने बूथ पर बड़ी संख्या में मतदान किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. इससे पहले, कान्हाचट्टी ब्लॉक के गरिया, अमकुदर, पथेल, बनियाबांध और सिकिद गांवों के मतदाताओं को केंदुआ, सहोरे या जाशपुर में मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जाना पड़ता था और इसके लिए ऊबड़-खाबड़ इलाके में 10-11 किमी तक पैदल चलना पड़ता था.


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अधिकारी ने कहा कि माओवादियों से खतरे के कारण उनके बूथ को स्थानांतरित कर दिया जाता था. हालांकि, इस बार जिला प्रशासन ने पांच गांवों के निवासियों के लिए गरिया, सिकिद और पथेल में तीन बूथ बनाए. सिकिद बूथ को गरिया के साथ जोड़ दिया गया. अपराह्न तीन बजे तक तीनों बूथ पर 50 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. कान्हाचट्टी खंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) प्रमोद कुमार ने कहा कि पांच गांवों के मतदाताओं ने झारखंड गठन के बाद पहली बार अपने बूथ पर मतदान किया है.


कुमार ने कहा, “पहले माओवादियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान और क्षेत्र से स्थानांतरित किए गए मतदान केंद्रों की दूरी के कारण यहां मतदान प्रतिशत कम रहता था.”  बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण में आज में तीन लोकसभा क्षेत्रों मे 63 प्रतिशत मतदान हुआ. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में यह दूसरे चरण का मतदान है। चतरा, हजारीबाग और कोडरमा लोकसभा सीट पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ.


इनपुट- भाषा


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