Bihar Floor Test: नीतीश सरकार फ्लोर टेस्ट से गुजरने वाली है और भाजपा के 3 विधायकों के अनुपस्थित होने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि भाजपा की विधायक रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी और मिश्रीलाल विधानसभा की कार्यवाही में नहीं पहुंचे हैं. यह भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. भाजपा ने अपने विधायकों को बचाने के लिए बोधगया भेज दिया. प्रशिक्षण शिविर के नाम पर दो दिन तक भाजपा विधायक बोधगया में मौजूद रहे पर पटना आने के बाद से ही इन तीन विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इन तीन विधायकों से संपर्क न होने से अब डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के क्राइसिस मैनेजमेंट पर सवाल उठ रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में आने के बाद भाजपा ने पुराने नेताओं के बदले सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा पर भरोसा किया था. इससे पहले 2020 में जब भाजपा और जेडीयू की सरकार बनी थी, तब भाजपा आलाकमान ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी पर भरोसा जताया था. इन दोनों को डिप्टी सीएम बनाया गया था. उससे पहले भाजपा की ओर से नीतीश कुमार के डिप्टी के रूप में सुशील कुमार मोदी यह जिम्मेदारी संभालते थे. लेकिन ये सब बीते दिनों की बात हो गई है. अब प्रदेश में भाजपा के नीति नियंता के रूप में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को यह जिम्मेदारी दी गई है.


यह भी पढ़ें: Bihar Floor Test: विजय चौधरी ने कहा- 'सम्मान से छोड़ दें स्पीकर पद, नहीं तो...'


डिप्टी सीएम के रूप में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा पर यह महत्ती जिम्मेदारी थी. यह उनके लिए पहली अग्निपरीक्षा भी थी. पर वे 3 विधायकों को एकजुट रखने में नाकामयाब हो गए. विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस चल रही है पर भाजपा के ये 3 विधायक नॉट रिचेबल हैं. ये विधायक न तो कॉल ले रहे हैं और न ही इनके मोबाइल का डेटा आन है. इनसे व्हाट्सएप पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है.


सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को बच्चा कहा था लेकिन उसे बच्चे ने आज भाजपा के 3 विधायकों को अपने पाले में कर लिया है. फ्लोर टेस्ट के मौके पर जब एक एक विधायकों को बचाने की होड़ मची है, भाजपा के 3 विधायकों ने गच्चा दे दिया. पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करते हुए इन तीनों विधायकों ने विधानसभा में पहुंचना भी गंवारा नहीं समझा.