Bihar Politics: नीतीश के साथ इस शर्त पर जाएगी भाजपा, ऐसे होगी पावर शेयरिंग!
बिहार में एक तरफ सियासी घमासान मचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ दोनों ही गठबंधन के दल एक दूसरे को मात देने की पूरी तैयारी में लगे हुए हैं. बिहार में जहां नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और लालू यादव की पार्टी राजद के बीच सियासी बयानबाजी तीखी हो चली है.
Bihar Politics: बिहार में एक तरफ सियासी घमासान मचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ दोनों ही गठबंधन के दल एक दूसरे को मात देने की पूरी तैयारी में लगे हुए हैं. बिहार में जहां नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और लालू यादव की पार्टी राजद के बीच सियासी बयानबाजी तीखी हो चली है. वहीं कांग्रेस की निगाह की बिहार में अपना अस्तित्व बचाने की है. इस सब के बीच बिहार की राजनीति में भाजपा ने अपनी पैनी नजर जमा रखी है.
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बिहार में चल रहे सियासी उठापटक के बीच भाजपा की सारी स्थितियों पर पैनी नजर है. भाजपा बैठक में प्रस्ताव पारित कर विधायकों का समर्थन पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपने की तैयारी है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि समर्थन पत्र और विधायकों की संख्या के साथ आज ही राजभवन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जायेंगे. वहां वह इस्तीफा देकर नए गठबंधन के साथ सरकार बनाने का आज ही दावा पेश करेंगे.
ऐसे में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने सभी विधायकों को आज ही शाम को 7 बजे पटना में मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचने को कहा है. राजद की कोशिशों के बीच संभव है कि आज ही नीतीश कुमार इस्तीफा देने के बाद फिर से शपथ ग्रहण भी कर लें.
इस सब के बीच एनडीए में नीतीश कुमार के शामिल होने के अटकलों के बीच राजद और भाजपा दोनों के पार्टी नेताओं की बैठक जारी है. ऐसे में नीतीश अगर भाजपा के साथ अगर गठबंधन में सरकार बनाते हैं तो इस बार भाजपा का पावर शेयरिंग फॉर्मूला बदल गया है. भाजपा के सूत्रों की मानें तो नीतीश को समर्थन देने को लेकर भाजपा ने दो डिप्टी सीएम और विधानसभा अध्यक्ष पद की मांग की है. वहीं इसके साथ ही सूत्र यह भी बता रहे हैं कि भाजपा आज ही नीतीश को अपना समर्थन पत्र भी सौंप सकती है ताकि सरकार बनाने में कोई परेशानी ना हो.
वहीं सूत्र बता रहे हैं कि इस बार नीतीश से पॉवर शिफ्ट कर भाजपा अपने हाथ में लेना चाहती है. ऐसे में भाजपा विधानसभा स्पीकर का पद अपने पास रखेगी. ऐसे में अब बिहार में जदयू और राजद के नेताओं के बीच तल्ख बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया है. भाजपा इस सब के बीच एक बार फिर से नीतीश को समर्थन देकर उनको स्थिर रखने की कवायद में जुटी हुई है.