विभागों का बंटवारा और कैबिनेट विस्तार में आ रही अड़चनों को हल करेगा भाजपा आलाकमान, सम्राट चौधरी कल जा रहे दिल्ली
Bihar News: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सरकार बनने के बाद पिछले 5 दिन में 2 बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर कैबिनेट विस्तार और मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बातचीत कर चुके हैं.
Bihar News: बिहार में नीतीश कुमार की सरकार भले ही बन गई है, लेकिन पांच दिन बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है. अभी यह नहीं पता है कि किस पार्टी के जिम्मे और किस विधायक के पास कौन सा मंत्रालय है. इसके अलावा कैबिनेट विस्तार को लेकर लगातार सुगबुगाहट तेज है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सरकार बनने के बाद पिछले 5 दिन में 2 बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर कैबिनेट विस्तार और मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बातचीत कर चुके हैं. अब खबर आ रही है कि भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी शनिवार सुबह 6 बजे के बाद वाली फ्लाइट से दिल्ली रवाना हो रहे हैं. माना जा रहा है कि अब आलाकमान इस मामले में दखल दे सकता है.
सरकार के गठन के 5 दिन बाद भी मंत्रालयों का बंटवारा न हो पाने से राजद तो तंज कस ही रहा है, सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दल हम की ओर से भी तंज आया है. हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी का कहना है कि जेडीयू की ओर से तो कोई बात नहीं होगी. भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई बात हो सकती है. इसलिए मंत्रालयों का बंटवारा अभी तक नहीं हो पाया है. जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि 44 साल के सार्वजनिक जीवन में कभी ऐसा नहीं देखा. उन्होंने कहा, इससे पहले तो सुबह शपथ ग्रहण होता था और शाम को मंत्रालयों का बंटवारा हो जाता था. इस बार काफी देरी हो रही है.
मंत्रालयों का बंटवारा और कैबिनेट विस्तार में जितनी देरी हो रही है, उतनी परेशानी भी बढ़ रही है. जीतनराम मांझी का कहना है कि उन्होंने महागठबंधन की ओर से दिए गए मुख्यमंत्री पद के आॅफर को ठुकरा दिया और एनडीए में बने रहे. ऐसे में उन्हें 2 मंत्री पद दिए जाने चाहिए. एक मंत्री अनुसूचित जाति से बने हुए हैं तो दूसरा सवर्ण होना चाहिए.
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अब माना जा रहा है कि मंत्रालयों का बंटवारा काफी लंबा खिंच चुका है तो भाजपा आलाकमान इसमें दखल दे सकता है. इसके अलावा आलाकमान यह भी तय करेगा कि भाजपा कोटे से किस किस विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाए. संभव है कि सम्राट चौधरी मंत्री बनने वाले विधायकों की लिस्ट भी लेकर जाएं, जिसमें से आलाकमान थोड़ी बहुत फेरबदल भी कर सकता है या फिर पूरी लिस्ट ही बदल सकता है.