CAA Notification: लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने एक और मास्टर स्ट्रोक दिया है जहां देश भर में नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (Citizenship Amendment Act) कानून के तहत दिसंबर 2014 से पहले तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दे दी है. इसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसका बीजेपी ने स्वागत किया है. वहीं, कांग्रेस ने विरोध किया है. 


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बिहार से राजनीतिक प्रतिक्रियां


भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सीएए इस देश का कानून हैं. 2019 के चुनावी एजेंडे में हमारा शामिल था. प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देने का कानून है. मोदी जी को अमित शाह जी को बहुत बहुत बधाई.


कांग्रेस ने इसपर सवाल खड़ा किया है. चुनाव के पूर्व इसका नोटिफिकेशन जारी करना कहीं न कहीं इनकी राजनीतिक मंशा को स्पष्ट करता है. बीजेपी ये इसका चुनावी फायदा लेनी चाहती है. निश्चित रूप से भारत की जनता प्रभुद्द है. इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है. इसका कोई राजनीतिक फायदा भाजपा नहीं उठा पाएगी.


आम जनता पार्टी राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष विद्यापति चंद्रवंशी ने बयान देते हुए कहा कि अगर CAA लागू हुआ है, तो सवाल लागू होने का नहीं है. सवाल ये है कि इसके लागू होने के बाद अगर गलत परिणाम आता है लोग परेशान होते हैं तो ये कानून गलत है. अगर लोगों को कोई परेशानी नहीं होती है तो ये कानून सही होगा.


झारखंड से राजनीतिक प्रतिक्रियां


भारतीय जनता पार्टी के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि कांग्रेस के कुकर्मों के कारण हमारे हिंदू भाईजन शरणार्थी के रूप में रह रहे थे. अब उन्हें नागरिकता मिलेगी यह बड़ा कदम है झारखंड की तरफ से इसका खूब स्वागत है. 


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कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव का ध्रुवीकरण करना इसका मुख्य एजेंडा है. राकेश सिन्हा ने कहा कि इलेक्ट्रोल बांड पर सुप्रीम कोर्ट की जबरदस्त फटकार लगी है, महंगाई बेरोजगारी, मणिपुर की घटना को लेकर जो सवाल जनता उठा रही है. उसको डाइवर्ट करने के लिए CAA लाया गया है, ताकि उन तमाम मुद्दों को गेन कर सके और चुनाव के मौके पर इसे लाकर वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके. लेकिन 2024 बीजेपी के ताबूत की आखिरी कील साबित होने जा रही है.