कांग्रेस नेताओं ने मनाने की बहुत कोशिश की पर टस से मस होते नहीं दिख रहे हैं नीतीश कुमार
Bihar News: नीतीश कुमार नाराज हैं. यह बात केवल मीडिया में हैं. जेडीयू के नेता भी नाराजगी की बात नहीं मानते और राजद या कांग्रेस के नेता भी यह नहीं मानते कि नीतीश कुमार इंडिया ब्लाॅक से नाराज हैं. हां, नीतीश कुमार को मनाने की चैतरफा कोशिश हो रही है.
Bihar News: नीतीश कुमार नाराज हैं. यह बात केवल मीडिया में हैं. जेडीयू के नेता भी नाराजगी की बात नहीं मानते और राजद या कांग्रेस के नेता भी यह नहीं मानते कि नीतीश कुमार इंडिया ब्लाॅक से नाराज हैं. हां, नीतीश कुमार को मनाने की चैतरफा कोशिश हो रही है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मकर संक्रांति के दिन दही चूड़ा खिलाकर नाराजगी दूर करने की कोशिश की तो कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता बुधवार, 17 जनवरी को नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे. बाहर निकलने के बाद कांग्रेस नेताओं के बोल से ही पता चल गया कि वे दोनों नेता नीतीश कुमार को मनाने ही आए थे. अब नीतीश कुमार माने या नहीं माने, इस बात का पता नहीं चल पाया है.
बुधवार को बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और करीब आधे घंटे तक सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की. इंडिया ब्लाॅक में सीटों को लेकर जिस तरह से पेंच फंसा है, उसे देखते हुए यह मुलाकात अहम मानी जा रही है. हालांकि कांग्रेस नेताओं ने कहा, नीतीश कुमार हमारे मुख्यमंत्री हैं और उनसे मिलना जुलना तो होता ही रहता है. इस मुलाकात में कुछ भी खास नहीं है.
अखिलेश प्रसाद सिंह और शकील अहमद खान ने कहा, नीतीश कुमार दमदार और शानदार नेता हैं और उन्हीं की बदौलत इंडिया अस्तित्व में आया है. उन्होंने इंडिया के गठन में बड़ी भूमिका निभाई है. शकील अहमद खान ने कहा, नीतीश कुमार एक तरह से हमारे गार्जियन भी हैं. बिहार के विकास में उनका अहम रोल रहा है.
लालू प्रसाद यादव के सुर में सुर मिलाते हुए शकील अहमद खान ने कहा, गठबध्ंान में सीट शेयरिंग में टाइम तो लगता ही है. जो लोग भी इसमें शामिल होते हैं, उनका चिंतित होना लाजिमी है. हर दल को संतुष्ट करना होता है. सभी दल चाहते हैं कि वे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ें, इसलिए ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ती है.
पशुपति नाथ पारस के 22 जनवरी को खेला होने की बात का जवाब देते हुए शकील अहमद खान बोले, भाजपा के सहयोगी दल भी भाजपा की भाषा बोलने लगे हैं. उनकी वैज्ञानिक सोच खत्म हो चुकी है और लगता है कि वे सभी ज्योतिष विद्या पढ़ रहे हैं. सबको कल क्या होगा, इस बारे में पता है. परसो क्या होगा, यह भी पता है. ये सब फिजूल की बातें हैं.
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