Godda Lok Sabha Seat: टिकट कटने के बाद दीपिका पांडेय सिंह का बड़ा बयान, कांग्रेस उम्मीदवार के लिए कही ये बात
Godda Lok Sabha Seat: गोड्डा लोकसभा सीट से टिकट कटने के बाद दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि निशिकांत दुबे को रिकॉर्ड मतों से हराकर यह सीट कांग्रेस की झोली में डालूंगी.
दुमका: गोड्डा लोकसभा सीट से टिकट कटने के बाद महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह बड़ा दिया है. उन्होंने कहा कि मैं अपना चुनाव जीतने के लिए जितनी मेहनत से लड़ती उससे ज्यादा मेहनत अब प्रदीप यादव के लिए करूंगी और निशिकांत दुबे को रिकॉर्ड मतों से हराकर यह सीट कांग्रेस की झोली में डालूंगी. बता दें कि गोड्डा लोकसभा सीट कांग्रेस ने पहले दीपिका पांडेय सिंह को दिया था लेकिन कांग्रेस ने गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से दीपिका पांडेय सिंह को हटाकर प्रदीप यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिसके बाद दीपिका पांडेय सिंह के इस बयान ने सभी को चौका दिया है.
दरअसल दीपिका पांडेय सिंह एक मामले को लेकर व्यवहार न्यायालय के एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी के लिए दुमका व्यवहार न्यायालय आई हुई थी. जहां से निकलने के बाद मीडिया के समक्ष उन्होंने ये बातें कहीं. महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह का यह मामला 2017 का था, जहां महगामा थाना क्षेत्र में एक सड़क जाम के दौरान हंगामा हुआ था. जिसमें उन पर मामला दर्ज किया गया था दीपिका पांडेय सिंह ने गोड्डा लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे पर निशाना साधते हुए कहा कि वे जो विकास के काम गिनाते हैं. वह सभी यूपीए- 2 के कार्यकाल में पारित हुए थे. निशिकांत दुबे के सांसद बनने से उन योजनाओं को धरातल पर उतरने में काफी विलंब हुआ.
महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि आज क्षेत्र की जनता के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओं का विश्वास उन पर से उठ चुका है. उनके तानाशाही रवैये से सभी परेशान हैं. वही विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि रांची में इंडिया गठबंधन की उलगुलान न्याय महारैली की सफलता यह बताती है कि जनता में केंद्र और भाजपा के प्रति कितना आक्रोश है. आज हेमंत सोरेन को सिर्फ इसलिए जेल भेजा गया क्योंकि उन्होंने भाजपा के वाशिंग मशीन में धुलने से इनकार कर दिया. अगर वे बात मान लेते तो झारखंड में उनकी भाजपा के साथ सरकार बनती तो यह दिन देखने को नहीं मिलता. जब हेमंत सोरेन ने यह बात नहीं मानी तो गलत मामलों में फंसाकर हेमंत को जेल भेजा, इससे जनता में नाराजगी है.
इनपुट- सुबीर चटर्जी