पटना : भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ है. आरजेडी की ओर से एसके मेमोरियल हॉल में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य नेता शामिल हुए. तेजस्वी यादव ने बताया कि लालू यादव ने यूपीए सरकार में भी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की थी, लेकिन वह मांग पूरी नहीं हुई थी. अब केंद्र सरकार ने इसे मरणोपरांत भारत रत्न के रूप में घोषित किया है.


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पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद कई राजनीतिक दिग्गजों ने इस पर रिएक्शन दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य नेता इस घड़ी में शामिल हुए हैं. कर्पूरी ठाकुर को स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और राजनीतिज्ञ के रूप में याद किया जा रहा है. उन्हें 'जन-नायक' कहा जाता था और उनकी लोकप्रियता सोशल जस्टिस के लिए किए गए योजनाओं के कारण बढ़ी थी.


कर्पूरी ठाकुर ने बिहार के दो बार मुख्यमंत्री के पद को संभाला और उनकी नेतृत्व में राज्य में सामाजिक न्याय की ओर कई कदम उठाए. उन्हें आम जनता में 'जन-नायक' के रूप में स्वीकार किया जाता है. उनके साथी नेता लालू प्रसाद यादव के बयान से पता चलता है कि वह भी उन्हें बहुत बड़े सम्मान से नवाजना चाहते थे. कर्पूरी ठाकुर का जीवन एक साधारण नाई परिवार में शुरू हुआ था, लेकिन उन्होंने ने कांग्रेस के खिलाफ राजनीतिक यात्रा की और सामाजिक न्याय की बढ़ाई. उन्होंने आपातकाल के दौरान भी इंदिरा गांधी के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई और उन्हें गिरफ्तार नहीं करवाया गया. कर्पूरी ठाकुर को उनकी निष्ठा, सामाजिक सेवाओं में योगदान और नेतृत्व के लिए सम्मानित किया जा रहा है.


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