Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में अब महज सिर्फ दो से ढाई महीने का वक्त बचा है. उसके बाद एक बार फिर से जनता को अपने सांसदों को चुनने का मौका मिलने वाला है. चुनाव से ठीक पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी से बीजेपी को थोड़ा सुकून जरूर मिला है, लेकिन बिहार में क्लीन स्वीप वाला लक्ष्य अभी भी बहुत मुश्किल नजर आ रहा है. 2024 का महासंग्राम शुरू हो उससे पहले हम आपको पिछले चुनाव से रूबरू करा रहे हैं. पिछले चुनाव की मोदी लहर में विपक्ष पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था. एनडीए ने बिहार की 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसमें भी खास बात ये है कि एनडीए के 39 में से 5 सांसद ऐसे थे जिन्हें 60 फीसदी या उससे अधिक मत हासिल हुए थे.


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बिहार में बीजेपी के बड़े नेताओं की बात चले तो सबसे पहले आपके दिमाग में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय या फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद का नाम आता होगा, लेकिन चुनावी पिच पर इन नेताओं से मधुबनी के सांसद अशोक यादव कहीं आगे हैं. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड मधुबनी के बीजेपी प्रत्याशी अशोक यादव ने बनाया था. उन्होंने अपने विरोधी महागठबंधन के उम्मीदवार को चार लाख 54 हजार 940 वोटों से हराया था. 


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अशोक को 61.83 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 5,95,843 वोट मिले थे तो उनके प्रतिद्वंद्वी विकासशील इंसान पार्टी के बद्री कुमार पुरबे को 1,40,903 यानी 14.62 प्रतिशत मत ही हासिल हुए थे. इस तरह से उन्होंने महागठबंधन प्रत्याशी को 4,54,940 मतों के विशाल अंतर से हराया था. बड़ी जीत दर्ज करने के मामले में दूसरे नंबर पर बेगूसराय के बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज सिंह रहे. 


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गिरिराज सिंह को 6,92,193 तो वहीं उनके प्रतिद्वंदी सीपीआई कैंडिडेट कन्हैया कुमार को 2,69,976 वोट मिले थे. उन्होंने 4,22,217 वोटों की जीत हासिल की थी. पटना साहिब से बीजेपी प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद को 6,07,506 यानी 61.85 प्रतिशत वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा को 2,84,657 मतों से हराया था.