Lok Sabha Election 2024 Madhepura Seat: मधेपुरा में पिता शरद की राजनीतिक विरासत संभालेंगे शांतनु? देखें यहां के राजनीतिक और जातीय समीकरण
Madhepura Seat Profile: मधेपुरा सीट को दिवंगत नेता शरद यादव की विरासत के तौर पर देखा जाता है. उन्होंने अपना आखिरी चुनाव राजद की टिकट पर लड़ा था. सूत्रों के मुताबिक, शरद यादव के बेटे शांतनु यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं जेडीयू से इस बार बीपी मंडल के पोते निखिल मंडल को टिकट मिल सकता है.
Madhepura Seat Profile: लोकसभा चुनाव 2024 में अब महज सिर्फ दो से ढाई महीने का वक्त बचा है. उसके बाद एक बार फिर से जनता को अपने सांसदों को चुनने का मौका मिलने वाला है. चुनाव से पहले हम आपको बिहार की सीटों के चुनावी मुद्दों की जानकारी दे रहे हैं. इस कड़ी में आज मधेपुरा सीट की जानकारी दे रहे हैं. इसके बारे में कहावत है कि 'रोम है पोप का और मधेपुरा है गोप का', मतलब साफ है कि यहां यादवों का दबदबा चलता है. 'यादव लैंड' के नाम से मशहूर यह सीट बिहार की वीवीआईपी सीटों में आती है. बीपी मंडल से लेकर शरद यादव, लालू प्रसाद यादव, राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बारी-बारी से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है.
इस सीट की एक और खास बात ये है कि यहां कभी भी किसी की लहर का असर नहीं पड़ता. 1952 के पहले चुनाव में पूरे देश में जब पंडित नेहरू का बोलबाला था, तो यहां से सोशलिस्ट पार्टी के किराई मुसहर ने जीत दर्ज की थी. इसी तरह से 2014 में जब पूरे देश में मोदी की लहर चली, तो यहां से पप्पू यादव जीते थे. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां की जनता ने जेडीयू के दिनेश चन्द्र यादव को अपना सांसद चुना था. उन्होंने राजद की टिकट पर मैदान में उतरे शरद यादव को 3,01,527 वोटों से हराया था.
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इस सीट के जातीय समीकरण
हाल ही में हुए जातीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर मधेपुरा में यादव की आबादी 3 लाख 30 हजार, मुस्लिम आबादी 1 लाख 80 हजार, ब्राह्मण- 1 लाख 70 हजार, राजपूत- 1 लाख 10 हजार, कायस्थ- 10 हजार, भूमिहार- 5 हजार, मुसहर- 1 लाख 8 हजार, चमार- 50 हजार, पासवान- 60 हजार, कुर्मी- 65 हजार, कोयरी- 60 हजार, धानुक- 60 हजार, वैश्य/बनिया/पचपनियां- 4 लाख 5 हजार (इसमें कई जातियां), इसाई सिर्फ 49 और हिजड़े सिर्फ 32 रहते हैं. इस सीट पर कुल मतदाता- 17, 24, 407 हैं. इनमें से पुरूष मतदाता-8, 98, 071 हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 8,26,302 है.
शरद यादव के बेटे संभालेंगे राजनीतिक विरासत?
मधेपुरा सीट को दिवंगत नेता शरद यादव की विरासत के तौर पर देखा जाता है. उन्होंने अपना आखिरी चुनाव राजद की टिकट पर लड़ा था. सूत्रों के मुताबिक, शरद यादव के बेटे शांतनु यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. शांतनु की उम्र करीब 30 साल है. एमए की पढ़ाई इंग्लैंड में हुई है. अगर अवसर मिलता है तो 2024 का लोकसभा चुनाव उनका पहला होगा. शरद यादव की बेटी सुभाषिणी बुंदेला ऊर्फ सुभाषिणी शरद यादव 2020 में मधेपुरा जिला के बिहारीगंज विधानसभा से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. हालांकि, उनको हार का सामना करना पड़ा था.
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JDU की ओर से इसे मिल सकता है टिकट
मधेपुरा के वर्तमान सांसद दिनेश चंद्र यादव 75 साल के होने को हैं. उम्र का तकाजा भी कह सकते हैं कि अब दिनेश चंद्र यादव अपने क्षेत्र में उतने एक्टिव नहीं दिखते. सूत्रों के अनुसार सीएम नीतीश कुमार इस दफे मधेपुरा सीट पर एक युवा नेता को मौका दे सकते हैं. सूत्रों के अनुसार इस बार पार्टी मंडल कमीशन के अध्यक्ष बीपी मंडल के परिवार पर दांव लगाने का फैसला करीब-करीब तय कर लिया है. बीपी मंडल के पोते निखिल मंडल को जेडीयू से टिकट मिल सकता है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट और वकालत की पढ़ाई कर चुके निखिल मंडल JDU के धाकड़ प्रवक्ताओं में शुमार किए जाते रहे हैं.
रिपोर्ट- शंकर कुमार