मिलिए पश्चिम बंगाल के 21 वर्षीय मजदूर से, जिसने पास कर डाला NEET एग्जाम, फीस भरने के लिए रोजाना कमाता था 300 रुपये

West Bengal labourer cracked NEET exam: पश्चिम बंगाल के एक मजदूर शेख सरफराज 400 ईंटें उठाकर प्रतिदिन 300 रुपये कमाते थे. वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पिछले दो वर्षों से यह काम कर रहे थे.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Nov 19, 2024, 09:08 PM IST
  • YouTube से पढ़ाई की
  • अब कोलकाता के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज में जॉइनिंग
मिलिए पश्चिम बंगाल के 21 वर्षीय मजदूर से, जिसने पास कर डाला NEET एग्जाम, फीस भरने के लिए रोजाना कमाता था 300 रुपये

NEET 2024 exam: पश्चिम बंगाल के एक गांव के 21 वर्षीय मजदूर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने 720 में से 677 अंक हासिल करके NEET परीक्षा पास की है. शेख सरफराज 400 ईंटें उठाकर प्रतिदिन 300 रुपये कमाते थे, यह काम वह पिछले दो सालों से अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए कर रहे थे.

वह अपनी कॉलेज की फीस भरने के लिए सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक काम करते थे. इस वीडियो को अब तक 1.3 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और 100k से अधिक लाइक मिले हैं.

वीडियो में, उन्होंने याद किया कि कैसे उनका मजाक बनाते था, उन्होंने कहा था, 'आस-पास के लोग बोलते हैं, इतनी पढ़ाई करने के बाद भी ये काम कर रहा है'.

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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सरफराज की प्रेरणादायक यात्रा
सरफराज पीएम आवास योजना के तहत बने घर में रहते हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अपने पिता के साथ मजदूरी करते हैं.

इससे पहले, सरफराज ने 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में शामिल होने का सपना देखा था. उन्होंने 2022 में पहला चरण भी पास कर लिया, लेकिन साक्षात्कार से एक महीने पहले हुई दुर्घटना ने उन्हें NDA परीक्षा के अंतिम चरण के लिए क्वालीफाई करने से रोक दिया.

उन्होंने आगे बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान, सरकार से मिली आर्थिक मदद से उन्होंने एक स्मार्टफोन खरीदा और NEET परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया.

उन्होंने YouTube पर फिजिक्स वाला के वीडियो देखना शुरू किया और बाद में एक डिस्काउंट स्कीम के तहत इसके कोर्स में दाखिला लिया.

2023 में NEET परीक्षा पास करने के बाद, सरफराज ने एक डेंटल कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन बाद में पढ़ाई छोड़ दी क्योंकि कॉलेज में छात्रावास की सुविधा नहीं थी और उनके पास अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे.

खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद, उन्होंने 2024 में NEET परीक्षा पास करने की चुनौती फिर से स्वीकार की. उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत ने उन्हें सफलता दिलाई और अब वे कोलकाता के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज में जॉइनिंग के लिए तैयार हैं.

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