Lokpal Case: शिबू सोरेन की अपील पर 20 फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में होगी सुनवाई
Lokpal Case: न्यायाधीश रेखा पल्ली और सुधीर कुमार जैन की पीठ ने यह सूचित किए जाने पर कि याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता किसी अन्य कोर्ट (Court) के समक्ष पेश हो रहे हैं.इस मामले को 20 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया. इसी आधार पर कोर्ट (Court) से मामले की सुनवाई किसी अन्य दिन किए जाने की अपील की गई थी.
Jharkhand News: दिल्ली दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने 19 फरवरी (सोमवार) को आय से अधिक संपत्ति मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख शिबू सोरेन की अपील को 20 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दूबे ने शिबू सोरेन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें लोकपाल की तरफ से उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही में कोर्ट (Court) की एकल पीठ ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.
22 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) की एकल पीठ ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ लोकपाल की कार्यवाही और शिकायत के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया था. न्यायाधीश रेखा पल्ली और सुधीर कुमार जैन की पीठ ने यह सूचित किए जाने पर कि याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता किसी अन्य कोर्ट (Court) के समक्ष पेश हो रहे हैं.इस मामले को 20 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया. इसी आधार पर कोर्ट (Court) से मामले की सुनवाई किसी अन्य दिन किए जाने की अपील की गई थी.
सोरेन की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कोर्ट (Court) के समक्ष पेश हुए और उन्होंने कहा कि मंगलवार को मामले की सुनवाई लोकपाल के समक्ष सूचीबद्ध है. इससे पूर्व, एकल पीठ के न्यायधीश ने अपने आदेश में कहा था कि लोकपाल की कार्यवाही को चुनौती देने वाली शिबू सोरने की याचिका और शिकायत समय से पहले दायर की गई थी और इस मामले में लोकपाल को देखना था कि इस मामले में आगे की कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त सामग्री है या नहीं.
झारखंड की गोड्डा सीट से भाजपा के लोकसभा सांसद निशिकांत दूबे ने अगस्त, 2020 में शिबू सोरेन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि शिबू सोरेन और उनके परिवार ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर भारी संपत्ति अर्जित की है और वे पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.
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सांसद निशिकांत दूबे की शिकायत के बाद लोकपाल ने सीबीआई को सोरेन के खिलाफ यह पता लगाने के लिए प्रारंभिक जांच के आदेश दिए थे कि क्या आगे बढ़ाने के लिए प्रथम दृष्टया कोई मामला है. एकल पीठ के न्यायाधीश ने वरिष्ठ नेता के दुर्भावना संबंधी आरोपों को भी खारिज कर दिया था और इस बात पर जोर दिया था कि लोकपाल ने अभी सीबीआई की तरफ से उपलब्ध करायी गई सामग्री पर गौर नहीं किया है.
इनपुट: BHASHA