Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने INDI Alliance के संयोजक पद को ठुकरा दिया. नीतीश ने शनिवार (13 जनवरी) को विपक्षी गठबंधन की वर्चुअल बैठक में साफ कर दिया कि उनकी किसी पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. नीतीश कुमार की इस चाल को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया है. माना जा रहा है कि नीतीश ने ये दांव चलकर एनडीए में जाने का रास्ता खुला रखा है. वहीं नीतीश कुमार के संयोजक नहीं बनने पर भी बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पहले ये बताएं कि संयोजक का ऑफर सीरियस था क्या? अगर सीरियस था तो पहले क्यों नहीं दिया? अगर सीरियस नहीं था तो अभी क्यों दे रहे हैं?


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उन्होंने कहा कि इस वक्त मुझे एक मुहावरा याद आ रह है, बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले. जब पत्रकारों ने रविशंकर प्रसाद से पूछा कि क्या नीतीश कुमार फिर से एनडीए के साथ आएंगे? तो उन्होंने कहा कि यह आप मुझसे नहीं खुद उन्हीं से जाकर पूछिए. रवि शंकर प्रसाद ने आगे कहा कि कभी-कभी मुझे हंसी आती है कि ये कैसा गठबंधन है? वैकेंसी है नहीं, कौन जीतने वाला है, इसकी कोई गारंटी नहीं है, लेकिन उठा-पटक किस बात को लेकर हो रही है, संयोजक किसको बनाएंगे? कौन विरोध करेगा?


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कभी नीतीश कुमार के साथी रहे बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने भी मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की आज जो स्थिति है शारीरिक और मानसिक रूप से वो किसी भी उत्तरदायित्व का कैसे निर्वहन कर सकते है. ये तो बिहार है जो सब झेल रहा है. उन्होंने कहा नीतीश कुमार की अब ऐसी कोई स्थिति नहीं है वो किसी भी महत्वपूर्ण दायित्व को निभा सके.


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आरसीपी सिंह ने I.N.D.I.A. को लेकर कहा कि ना यहां ताल है और ना यहां मेल है. इनका ताल और मेल कभी नहीं होगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तालमेल के लिए जरूरी है आपकी सोच में, आपकी विचारधारा और आपके कार्यक्रम में एकरूपता हो, समझदारी हो. लेकिन वो कैसे होगा, अलग-अलग एजेंडा, अलग-अलग सोच. उन्होंने कहा कि किसी को अपना वंश चलना है तो किसी को अपना परिवार आगे बढ़ना है. भ्रष्टाचार में लिप्त है उसको बचाना है.