Bihar Political Crisis: पटना से लेकर दिल्ली तक बिहार में मचा सियासी घमासान की चर्चा खूब रही थी. राजनीतिक हलकों में सरेआम चर्चा थी कि नीतीश कुमार अब पलटे की, तब पलटे. नीतीश कुमार के पलटने की कयासबाजी का आलम पूरे चरम पर था. नीतीश कुमार का मौन महागठबंधन में बेचैनी बढ़ा रहा था. बीजेपी के कई बड़े नेता दिल्ली जा रहे थे. राजद नीतीश से भ्रम दूर करने की बात कह रही थी. इन सबके बीच बीजेपी के साथ नीतीश कुमार की बात बन गई. हालांकि, ये बात तब बनी, जब पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को फोन और बात की. 


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अब यहां आपको पांच दिन पीछे ले चलते हैं. जब बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती का कार्यक्रम पटना में आयोजित किया गया था. 24 जनवरी के ठीक एक दिन पहले यानी 23 जनवरी को केंद्र सरकार की तरफ से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया गया. इस ऐलान के बाद नीतीश कुमार का कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने का कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने परिवारवाद के बहाने लालू प्रसाद यादव पर बिना नाम लिए हमला किया. 


सीएम नीतीश कुमार ने इस दौरान पीएम मोदी का धन्यवाद दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम मोदी ने रामनाथ ठाकुर को फोन किया. हालांकि, पीएम मोदी ने मुझे (नीतीश) फोन नहीं किया, फिर हम उनको (पीएम मोदी) धन्यवाद देते हैं. इसके बाद नीतीश कुमार पीएम मोदी के फोन का इंतजार करने लगे. वह महागठबंधन सरकार में रहते हुए सरकार के सारे काम कर रहे थे और अपना कदम धीरे-धीरे बीजेपी की तरफ बढ़ा रहे थे. पटना में सियासी हलचल तेज होने लगी थी, फिर क्या बीजेपी नेता भी सक्रिय होने लगे थे. संदेश बीजेपी आलाकमान तक पहुंचा.   


सियासी हलचल के बीच कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार आज इस्तीफा देंगे, कल इस्तीफा देंगे. मगर सब अटकलबाजी साबित हो रही थी. बीजेपी नेता इस मामले पर बहुत सावधानी से बयान दे रहे थे. बीजेपी विधायक दल की अलग बैठक हुईं. नीतीश कुमार ने जदयू विधायकों के साथ बैठक की. सबकुछ तय हो चुका था, लेकिन अभी तक नीतीश कुमार ने इस्तीफा नहीं दिया था. तभी बीजेपी की तरफ से खबर आई की नीतीश कुमार जब इस्तीफा देंगे, उसके बाद समर्थन पत्र दिया जाएगा.


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जदयू इसे मानने को तैयार नहीं दिख रही थी. नीतीश कुमार चाहते थे कि पहले बीजेपी समर्थन पत्र दे. कहा जा रहा है कि जब इसकी सूचना पीएम मोदी तक पहुंची तो पीएम मोदी ने नीतीश कुमार से फोन पर बात की. इसके बात नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और बिहार में एनडीए सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया. अब यह कहा जा रहा है कि जिस फोन का नीतीश कुमार को इंतजार था, उसके आते ही पीएम मोदी ने वह इंतजार खत्म कर दिया.