Bharat Jodo Nyay Yatra: बिहार में भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) के पहले दिन राहुल गांधी ने कहा कि देश तभी विकसित होगा, जब लोगों को सामाजिक और वित्तीय न्याय मिलेगा. बिहार के किशनगंज जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए यहां बिहार आया हूं. जब मैंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा शुरू की और 4000 किमी की यात्रा की, तो कई लोगों ने कहा कि हमारी यात्रा उस भूमि पर नहीं गई, जो सामाजिक न्याय के लिए जानी जाती है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राहुल गांधी ने कहा कि मुझसे पूर्वोत्तर क्षेत्र से महाराष्ट्र तक एक और यात्रा करने के लिए कहा और मैंने स्वीकार कर लिया और भारत जोड़ो यात्रा में न्याय जोड़कर मणिपुर से महाराष्ट्र तक यात्रा शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने आग कहा कि मैं मणिपुर से आया हूं और बीजेपी की विचारधारा को करीब से देखा हूं. मैं मणिपुर के लोगों से बातचीत करता हूं. वह राज्य सात महीने से बीजेपी और आरएसएस की विभाजनकारी विचारधारा के कारण जल रहा है. 


उन्होंने मणिपुर में लोगों को दो समुदायों में बांट दिया है. हालात ऐसे हैं कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के दुश्‍मन बने हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि देश के प्रधानमंत्री पिछले सात महीनों से वहां नहीं गए हैं. दो भाइयों के बीच झगड़ा कराना बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा है.' वे नफरत की राजनीति में विश्वास करते हैं और इसलिए हमने 'मोहब्बत की दुकान' के बारे में बात की है. गांधी ने कहा, नफरत को नफरत से ख़त्म नहीं किया जा सकता यह केवल प्यार से ही खत्म होता है और मैंने मोहब्बत की दुकान के बारे में बात की है.'


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अब हम बिहार आए हैं जो सामाजिक न्याय की भूमि है. मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश तभी विकसित होगा, जब प्रत्येक देशवासी को सामाजिक और वित्तीय न्याय मिलेगा. इसलिए, मैं देश में लोगों के सामाजिक और वित्तीय न्याय की बात कर रहा हूं. जब भी सामाजिक न्याय की चर्चा शुरू होती है, तो लोग बिहार की ओर देखते हैं, इसलिए यह बिहार के लोगों की जिम्मेदारी है कि वे सामाजिक न्याय के बारे में जागरूकता पैदा करें और इसके लिए लड़ें.


राहुल गांधी ने कहा कि वर्तमान में, नरेंद्र मोदी ने देश के दो-तीन उद्योगपतियों को सारा पैसा दे दिया है. उन्होंने सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों, रेलवे, औद्योगिक इकाइयों और अन्य का अधिग्रहण कर लिया है. इनके लिए सभी बैंक, पीएमओ और अन्य सरकारी कार्यालय खुले हैं, लेकिन आम लोगों के लिए ये संस्थान बंद हैं. आम लोगों के लिए उनके पास नोटबंदी, जीएसटी, बैंक बंदी है. यह नरेंद्र मोदी सरकार की वास्तविकता है.


यह भी पढ़ें: बिहार में सत्ता बदलते ही विपक्ष का 'आफतकाल' शुरू, तेजस्वी से लेकर सोरेन तक ED की मार


उन्होंने कहा कि मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि देश में ओबीसी समुदाय 50 प्रतिशत है, लेकिन जब भागीदारी की बात आती है, तो उनके हाथ में कुछ भी नहीं है. इससे साबित किया जा सकता है कि केंद्र सरकार को 90 आईएएस अधिकारी चला रहे हैं. वे रक्षा, कृषि, सिंचाई, उद्योग, सड़क आदि में सभी बजट बनाते हैं और धन का वितरण करते हैं, और मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि केवल तीन आईएएस अधिकारी ओबीसी समुदाय से हैं और वे देश के कुल बजट का केवल 5 प्रतिशत वितरित करते हैं.


इनपुट: IANS