Vidhan Sabha Adhyaksh: क्या है अविश्वास प्रस्ताव, जो बिहार विधानसभाध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ लाने जा रहा एनडीए
Bihar News: नंदकिशोर यादव ने बताया कि जो पार्टी बहुमत में होती है, उसके विधायक अविश्वास प्रस्ताव के लिए सचिव को नोटिस भेज सकते हैं. लेकिन तुरंत विचार होने का प्रावधान नहीं है और इसके लिए 14 दिन का समय देना होता है.
Vidhan Sabha Adhyaksh: बिहार सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की तैयारी करना शुरू कर दिया है. वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए कई एनडीए विधायकों ने सचिव को नोटिस भेजा है. यदि वह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को हटाने की तैयारी है. इस प्रक्रिया में क्या-क्या नियम हैं, उसे समझने के लिए हमें देखना होगा.
बता दें कि इस प्रक्रिया के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव करने वाले विधायकों को सचिव को 14 दिन का समय देना होता है. इस अवधि के दौरान विचार होने का प्रावधान है. यदि इस समय के बाद भी कोई समझौता नहीं होता है, तो स्पीकर को अवध बिहारी चौधरी को हटाने का अधिकार होता है. नंदकिशोर यादव ने बताया कि जो पार्टी बहुमत में होती है, उसके विधायक अविश्वास प्रस्ताव के लिए सचिव को नोटिस भेज सकते हैं. लेकिन तुरंत विचार होने का प्रावधान नहीं है और इसके लिए 14 दिन का समय देना होता है. 14 दिनों के बाद अगर अविश्वास प्रस्ताव सफल होता है, तो नए विधानसभा अध्यक्ष का चयन होता है. यह समझना महत्वपूर्ण है कि इस प्रक्रिया में राज्यपाल को भी शामिल किया जाता है, जिन्हें नामांकन से लेकर चुनाव की तिथि तय करने का कार्य होता है.
इसके अलावा बता दें कि नंदकिशोर यादव ने बताया कि इस बार स्थिति कुछ पहले की तरह है, जब 10 अगस्त 2022 को नई सरकार बनी थी. उस समय भी अविश्वास प्रस्ताव के बाद मतदान हुआ था और विजय कुमार सिन्हा को इस्तीफा देना पड़ा था. विधानसभा अध्यक्ष के हटाने के बाद नए अध्यक्ष के लिए पहले नामांकन की प्रक्रिया होती है, जिसके बाद चुनाव होता है. इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद नए अध्यक्ष का चयन होता है और सरकार फिर से स्थिर होती है.
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