'मैंने 40 सालों से पार्टी के लिए अपना खून-पसीना बहाया, कांग्रेस ने हमें बर्बाद कर दिया' ये कहकर बदल ली पार्टी
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'मैंने 40 सालों से पार्टी के लिए अपना खून-पसीना बहाया, कांग्रेस ने हमें बर्बाद कर दिया' ये कहकर बदल ली पार्टी

Congress rebel Manoj Shinde: महाराष्ट्र चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की हालत और भी खराब होती जा रही है,  कांग्रेस के एक बागी नेता अब शिवसेना में शामिल हो गए हैं. जानें पूरा मामला.

'मैंने 40 सालों से पार्टी के लिए अपना खून-पसीना बहाया, कांग्रेस ने हमें बर्बाद कर दिया' ये कहकर बदल ली पार्टी

Manoj Shinde joins Shiv Sena: महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उन्हें चुनौती देने वाले कांग्रेस के एक बागी नेता शिवसेना में शामिल हो गए हैं. महाराष्ट्र के कोपरी-पचपाखड़ी सीट से अपना नामांकन वापस लेने से इनकार करने के बाद कांग्रेस से निलंबित किए गए मनोज शिंदे रविवार को शिवसेना में शामिल हो गए. उन्होंने बातचीत के दौरान कांग्रेस नेतृत्व को लेकर असंतोष जाहिर किया, खास कर ठाणे और कोंकण क्षेत्र पर पूरा ध्यान न दिए जाने को लेकर. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कभी भी ठाणे और कोंकण को ​​लेकर गंभीर नहीं थी. इससे पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं का भविष्य प्रभावित हुआ है.’’

40 साल से कांग्रेस में जुड़े थे मनोज शिंदे
मनोज शिंदे जो चालीस सालों से कांग्रेस से जुड़े थे, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ व्यवहार पर भी चिंता जताई. उनका दावा है कि कई कार्यकर्ताओं को दशकों की सेवा के बावजूद बिना कोई महत्व दिए, निचले पदों पर भेज दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह निर्णय गंभीर चिंतन के बाद लिया है, मैंने पिछले 40 वर्षों से पार्टी के लिए अपना खून-पसीना बहाया है.’’ चुनाव से पहले कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण मनोज शिंदे और सुरेश पाटिल खेड़े को छह साल के लिए निलंबित कर दिया था.

कांग्रेस पार्टी ने किया था 6 साल के लिए निलंबित
कांग्रेस ने मनोज शिंदे और सुरेश पाटिल खेड़े को चुनाव से पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया था. निलंबन के बावजूद, शिंदे ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन कोपरी-पचपाखड़ी सीट की दौड़ में सीएम शिंदे से हार गए. उनका शिवसेना में शामिल होना क्षेत्रीय राजनीति में बदलाव का संकेत देता है, क्योंकि पार्टी के नेतृत्व से असंतोष के मद्देनजर कांग्रेस के और भी नेता उनके साथ जुड़ सकते हैं.

महाराष्‍ट्र में नई सरकार कब लेगी शपथ?
उधर बीजेपी की अगुआई में महायुति गठबंधन के प्रचंड बहुमत के बाद अब नई सरकार के गठन को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. अजित पवार की पार्टी एनसीपी का मानना है कि नई सरकार 25 या फिर 26 नवंबर को शपथ ले सकती है. इसके साथ ही एनसीपी की रविवार 24 नवंबर को सुबह 11 बजे महत्‍वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा. इनपुट भाषा से भी

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