Sambhal Violence: यह सरकार प्रायोजित दंगा है; अफसरों ने निजी हथियारों से चलाई गोली: अखिलेश
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Sambhal Violence: यह सरकार प्रायोजित दंगा है; अफसरों ने निजी हथियारों से चलाई गोली: अखिलेश

Sambhal Violence: संभल में हुई हिंसा को लेकर अखिलेश यादव का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि यह दंगा पहले से प्लान किया था. हमले में प्राइवेट गन का इस्तेमाल किया गया था.

Sambhal Violence: यह सरकार प्रायोजित दंगा है; अफसरों ने निजी हथियारों से चलाई गोली: अखिलेश

Sambhal Violence: संभल में हुई हिंसा को लेकर अखिलेश यादव का बयान आया है. उन्होंने कहा कि जुमा की नमाज हुई उस वक्त भी माहौल शांत था, दोबारा सर्वे किया गया, इसके बाद काफी विवाद बढ़ा. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि जिस वक्त दंगा हुआ उस वक्त उनके सांसद जियाउर्रहमान बर्क शहर के बाहर थे.

जियाउर्रहमान के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बता दें, समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन पर दंगा भड़काने का इल्जाम है. हालांकि, जिया ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है. हिंसा के बाद ज़िया ने अपने बयान में कहा था कि भीड़ 'जय श्रीराम' के नारे लगा कर निकली जिसकी वजह से लोग भड़के. 

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

अखिलेश यादव ने एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में कहा,"हमारे सांसद जिया उर रहमान संभल में थे ही नहीं और उसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई. यह सरकार के जरिए किया गया दंगा है. कोर्ट के जरिए आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंच गए. अधिकरियों ने आदेश पढ़ा तक नहीं. इस दौरान सभी ने सर्वे में कोई दखल नहीं दिया.

24 नवंबर को सर्वे का आदेश किसने दिया

अखिलेश यादव ने आगे कहा,"23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगली सुबह 24 तारीख को दूसरा सर्वे किया जाएगा. पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया?...जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ बदतमीजी की. इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है. इससे कई लोग घायल हो गए."

अखिलेश आगे कहते हैं,"5 निर्दोष लोगों की मौत हो गई. संभल का माहौल खराब करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ याचिका दायर करने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं. उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई भी संविधान के खिलाफ ऐसी गैर-कानूनी घटना न कर सके और न्याय मिल सके."

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