Madhepura News: मधेपुरा में शिक्षा विभाग में करीब 3 करोड़ का गबन! बैंक शाखा प्रबंधक ने दर्ज करवाया मामला
Madhepura News: जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मधेपुरा द्वारा सूचित किया गया कि उनके कार्यालय द्वारा अंतिम लेनदेन 14 जनवरी 2020 को किया गया था. इसके बाद के किसी लेनदेन की उनके कार्यालय को कोई जानकारी नहीं है.
Madhepura News: बिहार के मधेपुरा में जिला शिक्षा विभाग के खाते से 2.99 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है. यह रकम बिहार ग्रामीण बैंक शाखा में जिला शिक्षा विभाग के खाते से खाते से निकाली गई है. मामला सामने आने पर शाखा प्रबंधक ने सदर थाना में मामला दर्ज करवाया है. यह खाता शिक्षा विभाग के शिक्षकों के वेतन मद से संबंधित है. यह घोटाला वर्ष 2022-23 में हुआ है. लेकिन इसकी जानकारी जून 2024 में सामने आई है. जब शिक्षा विभाग ने संबंधित खाता की जानकारी बैंक से मांगी गई तो मामले को लेकर ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक उदित प्रियम ने सदर थाना में आवेदन देकर राशि से लाभान्वित पांच लोगों पर केस दर्ज कराया है.
बैंक शाखा प्रबंधक ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. आवेदन में शिक्षा विभाग के एक तत्कालीन डीपीओ (स्थापना) के साथ-साथ बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक को भी शक दायरे में रखा गया है. बताया जा रहा है कि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की स्टेशन रोड शाखा में शिक्षा विभाग का खाता संख्या 1008161010001494 है. इस खाता के लिए बैंक ने 22 नवंबर 2019 को चेक संख्या 684641 से 684660 निर्गत किया था. इसी खाता से धोखाधड़ी कर एनईएफटी के जरिए 2 करोड़ 99 लाख 20 हजार 291 रुपया का गबन किया गया है. शाखा प्रबंधक ने बताया है कि बैंक द्वारा इसकी जांच कराई गई है जिसमें कई तथ्य सामने आए हैं. इसमें कहा गया है कि 28 जून 2024 को डीपीओ स्थापना ने इस खाते का स्टेटमेंट मांगा.
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शाखा द्वारा डीपीओ को स्टेटमेंट के साथ-साथ खाते का स्क्रीनशॉट भी दिया गया. डीपीओ ने 28 जून के पत्र द्वारा सूचित किया था कि उनके कार्यालय द्वारा इस खाता से अंतिम लेनदेन 14 जनवरी 2020 को किया गया था. इसके बाद किसी भी तरह के लेनदेन की कोई जानकारी कार्यालय को नहीं है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि खाते के लिये बैंक द्वारा निर्गत चेक उनके कार्यालय में अप्रयक्त अवस्था में उपलब्ध है. बैंक की मानें तो उसकी जांच में यह बात सामने आई है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 30 सितंबर 2022 को खाता के संचालन के लिए नवपदस्थापित डीपीओ स्थापना शिवशंकर मिस्त्री का नमूना हस्ताक्षर भेजा था. इसके बाद डीपीओ स्थापना ने 14 नवंबर 2022 को इस निष्क्रिय खाता को सक्रिय करने का पत्र भेजा.
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अब वर्तमान डीपीओ स्थापना ने 11 जुलाई 2024 को बैंक को पत्र लिखकर सूचित किया कि तत्कालीन डीपीओ शिवशंकर मिस्त्री के दोनों पत्र उनके कार्यालय द्वारा निर्गत नहीं हैं. पत्र में सभी तरह के हस्ताक्षर भी फर्जी बताए जा रहे हैं. वहीं चेक के जरिए एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफर की गई राशि 2.99 करोड़ है. बैंक की जांच में यह बात सामने आई है कि संबंधित खाता से 25 नवंबर 2022 से 27 सितंबर 2023 के बीच चेक संख्या 684648 से 684661 के माध्यम से एनईएफटी फॉर्म के आधार पर 13 NEAFT द्वारा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तीन शाखों से पांच विभिन्न खताओं में 2 करोड़ 99 लाख 20 हजार 291 की राशि ट्रांसफर की गई. बैंक का कहना है कि चेक संख्या 648661 इस खाते में निर्गत नहीं है. एनईएफटी के लिए सभी फार्म पर लाभुक खाताधारी का नाम डीपीओ लिखा हुआ है. जांच में पता चला कि ये सभी खाता डीपीओ का नहीं है बल्कि व्यक्तिगत हैं. वहीं इस मामले में अनुसंधान कर्ता अमित रंजन रॉय ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है.
रिपोर्ट- शंकर कुमार