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Trump Factor on Stock Market: शेयर बाजार एक बार वापसी की राहत पर चला ही था कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ ऐसा कहा कि बाजार में कत्लेआम मच गया. डोनाल्ड ट्रंप इस बार पहले से भी अधिक ताकतवर बनकर अमेरिका की गद्दी पर बैठने जा रहे हैं. उनकी नीतियां भी इस बार पहले से अधिक सख्त लग रही है. आर्थिक नीतियों को लेकर ट्रंप का सख्त रवैया साफ तौर पर दिख रहा है. ट्रंप की सख्ती का असर सिर्फ ग्लोबल मार्केट पर नहीं बल्कि भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है.
ट्रंप की नीतियों से डरा बाजार
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका फर्स्ट की नीतियों पर जोर दे रहे हैं. राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के पहले दिन ही उन्होंने टैरिफ को लेकर बड़ा बयान दे दिया. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, मैक्सिको और कनाडा से सभी आयात पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सभी सामानों पर टैरिफ 30 फीसदी और चीन पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया है. इस फैसले से अमेरिका में महंगाई बढ़ने की संभावना है. महंगाई बढ़ने से फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज कटौती की संभावना धूमिल हो सकती है. ब्याज दरों में कटौती की देरी और डॉलर के बढ़ते तेवर ने निवेशकों को डराना शुरू कर दिया है.
भारतीय शेयर बाजार का हाल
भारतीय शेयर बाजार गुरुवार लाल निशान में बंद हुआ. घरेलू बाजार में यह गिरावट वैश्विक बाजारों में आई गिरावट के अनुरूप रही. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर बढ़ती चिंताओं और अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती को लेकर अनिश्चितता के कारण बाजार में गिरावट देखी गई. सेंसेक्स 1,190.34 अंक या 1.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,043.74 पर बंद हुआ. निफ्टी 360.75 अंक या 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,914.15 पर बंद हुआ.
सबसे बुरा हाल इन शेयरों का
इस गिरावट का नेतृत्व आईटी शेयरों ने किया. निफ्टी आईटी इंडेक्स में भारी बिकवाली देखी गई और यह दो प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ 42,968.75 पर बंद हुआ. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने लार्जकैप से बेहतर प्रदर्शन किया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 28.40 अंक या 0.05 प्रतिशत बढ़कर 56,300.75 पर पहुंच गया. निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 8.70 अंक या 0.05 प्रतिशत बढ़कर 18,511.55 पर पहुंच गया.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,208 शेयर हरे निशान और 1,731 शेयर लाल निशान में बंद हुए। जबकि, 106 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
बाजार के जानकारों ने कहा अमेरिकी बाजार में रातों-रात हुई बिकवाली ने हैवीवेट आईटी शेयरों में गिरावट को बढ़ावा दिया, जो ब्याज दरों में कटौती की दिशा में नई अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के कारण हुई.
विदेशी निवेसखों की स्थिति
उन्होंने आगे बताया कि इसके विपरीत, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) और कम मूल्य वाले शेयरों में अवसर तलाशने वाले निवेशकों के रुख में बदलाव के कारण बाजार ने फ्रंटलाइन इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया. निफ्टी सेक्टोरल इंडेक्स में आईटी, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, एनर्जी, प्राइवेट बैंक, इंफ्रा और कमोडिटीज में बिकवाली रही. वहीं, पीएसयू बैंक, मीडिया और रियल्टी सेक्टर में खरीदारी रही.