पटना: बिहार में महागठबंधन में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को विरोधी दल का नेता चुन लिया है. महागठबंधन ने यह फैसला गुरुवार को राजधानी पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हुई बैठक में लिया है. जानकारी के अनुसार, महागठबंधन ने यह फैसला सर्वसम्मति से लिया है.


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इससे पहले राबड़ी देवी के आवास पर आरजेडी विधायक की बैठक हुई, जिसमें सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुन लिया. इसका मतलब साफ है कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में होंगे. 



बता दें कि महागठबंधन में और बिहार में आरजेडी चुनाव में सबसे दल के रूप में उभरा है. पार्टी के 75 विधायक जीतककर विधानसभा पहुंचे हैं. इसके बाद बीजेपी 74,  जेडीयू- 43, कांग्रेस-19, वाम दल-18, वीआईपी- 4, हम- 4, एआईएमआईएम-5, बीएसपी-1 और एलजेपी-1 सीट जीतने में सफल हुए हैं.


हालांकि, महागठबंधन बिहार में सरकार बनाने से चूक गई. महागठबंधन को सिर्फ 110 सीटों पर संतोष करना पड़ा. जबकि 125 सीटों के साथ एनडीए अब बिहार में सरकार बनाएगा, जिसकी अगुवाई नीतीश कुमार करेंगे. वहीं, महागठबंधन की बैठक में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर भी चर्चा हुई.


सूत्रों के अनुसार, बैठक में चुनाव नतीजों की समीक्षा हुई साथ ही आरजेडी और वाम दलों के नेताओं द्वारा आरोप लगाया कि कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का खामियाजा महागठबंधन को चुनाव में भुगतना पड़ा जिसके कारण बिहार में सरकार नहीं बन पाई है. इससे पहले कांग्रेस नेता तारिक अनवर ट्वीट कर लिखा, 'हमें सच को स्वीकार करना चाहिए. कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार महरूम रह गया. कांग्रेस को इस विषय पर आत्म चिंतन जरूर करना चाहिए कि उस से कहां चूक हुई? MIM की बिहार में इंटरी शुभ संकेत नहीं है.'