धीरज ठाकुर/पटनाः झारखंड हाईकोर्ट से आरजेडी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है. चारा घोटाला के देवघर-दुमका चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. आरजेडी नेता को बहुत उम्मीद थी कि लालू यादव को ज़मानत मिल जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर उन्हें जमानत मिलती तो लीडरशीप का फायदा होता. 


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आरजेडी विधायक शक्ति यादव ने कहा कि आशा थी कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को बेल मिल जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि ये न्यायिक प्रक्रिया है ज्यादा टिप्पणी करना ठीक नहीं लेकिन ज़मानत नहीं मिलने से आरजेडी परिवार ही नहीं पूरा बिहार मायूस है. उन्होंने ने कहा कि साजिश के तहत लालू यादव को फंसाया गया है.


आरएलएसपी प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करना उचित नहीं है लेकिन उम्मीद थी कि ज़मानत मिल जाएगी और उनके लीडरशीप में महागठबंधन को फायदा होता. 


वहीं बीजेपी ने कहा कि ये न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है. बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा कि लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सबूत हैं और सबूतों के आधार पर सज़ा दी गई है. कोर्ट ने दायर याचिका को उचित नहीं समझा इसलिए खारिज़ कर दिया.     


4 जनवरी को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने लालू के मामले में विशेष नोटिस जारी कर फैसला सुनाने का समय निर्धारित किया. इसके बाद सीबीआई और लालू यादव के अधिवक्ता के मौजूदगी में अपना फैसला सुनाया. 


आरजेडी और महागठबंधन के नेताओं को उम्मीद थी कि लालू प्रसाद यादव को ज़मानत मिल जाएगी. लालू बीमार होने की वजह से अभी रिम्स में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है.